आर.एस. राणा नई दिल्ली
रबी सीजन में सरसों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले काफी कम रहने का अनुमान है। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने उत्पादन में गिरावट थोड़ी कम करने में ‘सफलता’ हासिल की है। दरअसल मंत्रालय ने अनायास बुवाई का रकबा बढ़ाकर नहीं आंकड़ो की बाजीगरी से यह ‘कारनामा’ कर दिखाया है। इस साल तो सरसों का बुवाई आंकड़ा बढ़ाना संभव नहीं है तो मंत्रालय ने पिछले साल के बुवाई आंकड़े को ही थोड़ा घटा दिया है ताकि अंतर कम दिखाई दे।
बिजनेस भास्कर की जांच-पड़ताल में पता चला है कि मंत्रालय द्वारा 27 जनवरी को जारी बुवाई आंकड़ों में पिछले मार्केटिंग वर्ष 2010-11 में सरसों की बुवाई का रकबा 73.06 लाख हेक्टेयर बताया गया था। लेकिन एक सप्ताह बाद यानि 3 फरवरी को जारी मंत्रालय के आंकड़ों में पिछले साल का रकबा घट गया। पिछले साल का सरसों का रकबा 70.89 लाख हेक्टेयर दर्शाया गया।
ऐसे में बुवाई में कमी का अंतर 7.64 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.12 लाख हेक्टेयर रह गया। चालू मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान सरसों की बुवाई का कुल रकबा 65.30 लाख हेक्टेयर रहा है। पता चला है कि सरसों की बुवाई के पिछले साल के रकबा में हेराफेरी राजस्थान के आंकड़ों में की गई है। राजस्थान देश का सबसे बड़े सरसों उत्पादक राज्य है।
कृषि मंत्रालय द्वारा गत 20 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011-12 में सरसों की बुवाई 65.30 लाख हेक्टेयर में हुई, जबकि पिछले साल समान अवधि में 71.11 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस तरह रकबा 5.81 लाख हेक्टेयर कर रहा। राजस्थान में इस दौरान सरसों का रकबा आलोच्य अवधि में पिछले साल के 32.10 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 26.41 लाख हेक्टेयर रहा। इसके बाद मंत्रालय ने 27 जनवरी को जारी आंकड़ों में बताया कि सरसों की बुवाई चालू वर्ष 2011-12 के दौरान 65.41 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान 73.06 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। ऐसे में बुवाई का अंतर बढ़कर 7.64 लाख हेक्टेयर का हो गया। राजस्थान में इस दौरान रकबा पिछले साल के 32.45 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 26.41 लाख हेक्टेयर बताया गया।
यहां तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन खेल इसके बाद शुरू हुआ। तीन फरवरी को मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2011-12 में बुवाई 65.77 लाख हेक्टेयर में दिखाई गई जबकि पिछले साल की बुवाई का रकबा 73.06 लाख हेक्टेयर के बजाय 70.89 लाख हेक्टेयर दर्शाय गया। चालू वर्ष के दौरान बुवाई के आगामी दिनों में रकबा न बढ़े, ऐसा तो हो सकता है लेकिन पिछले साल का रकबा घट जाए, यह समझ से परे है। मंत्रालय हर सप्ताह शुक्रवार को फसलों के बुवाई आंकड़े जारी करता है।
दस फरवरी को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में सरसों की बुवाई 65.83 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में रकबा 70.92 लाख हेक्टेयर दर्शाया गया। इस दौरान राजस्थान में बुवाई 26.41 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल का रकबा 30.24 लाख हेक्टेयर बताया गया। जबकि 27 जनवरी को जारी आंकड़ों में राजस्थान की बुवाई का पिछले साल का रकबा 32.45 लाख हेक्टेयर बताया गया था।(Business Bhaskar....R S Rana)
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