जनवरी में उत्पादन में बढ़ोतरी से देसी बाजार में प्राकृतिक रबर की मांग-आपूर्ति के बीच का अंतर काफी हद तक कम हो गया। जनवरी में उत्पादन 3.7 फीसदी बढ़कर 1,02,500 टन हो गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में 98,800 टन प्राकृतिक रबर का उत्पादन हुआ था। जनवरी में हालांकि पिछले महीने के मुकाबले खपत में 2.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 82,000 टन रही।
रबर बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे में अप्रैल-जनवरी की अवधि में मांग-आपूर्ति के बीच का अंतर घटकर 15,580 टन रह गया। अप्रैल-दिसंबर की अवधि में यह अंतर 38,385 टन था। आधिकारिक आंकड़ों से रबर बोर्ड द्वारा पूर्व में अनुमानित मांग-आपूर्ति के अंतर की पुष्टि होती है। अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल उत्पादन में 4.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 7,84,400 टन पर पहुंच गया, वहीं इस अवधि में खपत की रफ्तार धीमी रही और यह महज 1.3 फीसदी रही। इस तरह कुल खपत 7,99,980 टन की रही। उत्पादन में बढ़ोतरी के मुकाबले खपत में आई नरमी के चलते देसी बाजार में मांग-आपूर्ति पर बढ़ रहा दबाव थोड़ा कम हुआ।
इस महीने टायर उद्योग ने 1,00,000 टन शुल्क मुक्त रबर के आयात की अनुमति देने की मांग की है ताकि मांग-आपूर्ति की बढ़ती खाई को पाटा जा सके। वित्त मंत्री को सौंपे बजट पूर्व मांग में ऑटोमोटिव टायर इंडस्ट्री ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में मांग-आपूर्ति का अंतर एक लाख टन होगा। रबर बोर्ड ने हालांकि महज 70,725 टन रबर की कमी का अनुमान जाहिर किया है। ऐसे में उत्पादन व खपत में हो रही बढ़ोतरी के मौजूदा रुख से संकेत मिलता है कि कुल मिलाकर 50,000 से 70,000 टन रबर की कमी होगी। बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2010-11 में 85,765 टन रबर की कमी थी। ये चीजें उद्योग की 1 लाख टन रबर के शुल्क मुक्त आयात की मांग को दरकिनार कर देती हैं।
भारतीय रबर उत्पादक संघ के महासचिव सिबी जे मोनिप्पली ने कहा कि रबर की मामूली कमी है और इसका इस्तेमाल करने वाला उद्योग देश में रबर की कमी की भरपाई अग्रिम लाइसेंस चैनल के जरिए कर सकते हैं क्योंकि 3600 करोड़ रुपये के टायर का निर्यात होता है। साल 2010-11 में रबर आधारित उद्योग ने शुल्क मुक्त चैनल के जरिए 1.14 लाख टन रबर का आयात किया था। उन्होंने कहा कि साल 2012-13 में उत्पादन व खपत क्रमश: 9.42 लाख टन व 10 लाख टन रहने का अनुमान है, ऐसे में महज 64,000 टन रबर की कमी होगी। उन्होंने कहा कि रबर का इस्तेमाल करने वाला उद्योग बिना शुल्क के करीब 1.30 लाख टन रबर का आयात कर सकता है।
इस वित्त वर्ष में जनवरी के आखिर तक अग्रिम लाइसेंस व घटे हुए शुल्क के जरिए 1,62,927 टन रबर का आयात हुआ है। अंतरराष्ट्रीय रबर अध्ययन समूह ने 2012 में रबर के आधिक्य की भविष्यवाणी की है। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक रबर का उत्पादन 7.8 फीसदी बढ़कर 118 लाख टन पर पहुंच सकता है। (BS Hindi)
16 फ़रवरी 2012
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें