देश का वनस्पति तेल आयात जनवरी में 8.5 फीसदी घटकर करीब 6.6 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष की समान 7.21 लाख टन था। खाद्य तेल उद्योग की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। खाद्य तेलों और अखाद्य तेलों को मिलाकर वनस्पति तेलों का आयात नवंबर, 2011 से जनवरी 2012 के दौरान दो फीसदी बढ़कर 21.85 लाख टन हो गया जो पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 21.42 लाख टन था।
नवंबर से अक्टूबर तक चलने वाले तेल वर्ष 2011-12 के पहले तीन महीनों में खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 21.30 लाख टन हो गया, जो वर्ष भर पहले की समान अवधि में 20.74 लाख टन था। अखाद्य तेलों का आयात हालांकि घटकर 55,163 टन रहा, जो पहले 68,566 टन था।
साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि खाद्य तेलों का मौजूदा स्टॉक बंदरगाह और और पीछे से आ रहे माल (रास्ते में) दोनों को मिलाकर 1,85,000 टन रह गया जो एक साल पहले से 55 हजार टन कम है। एक फरवरी, 2012 की स्थिति के अनुसार विभिन्न बंदरगाहों पर 5,85,000 टन और पीछे से आ रही खेपों में 6,70,000 टन माल था।
भारत अपनी घरेलू जरूरतों के करीब 50 फीसदी भाग का आयात करता है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है जबकि सोयाबीन तेल ब्राजील और अर्जेंटीना से आयात किया जाता है। तेल वर्ष 2010-11 में करीब 85 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया गया था। मौजूदा समय में कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क शून्य है। लेकिन रिफाइंड खाद्य तेल के आयात पर 7.5 फीसदी का सीमा शुल्क लगता है। (BS Hindi)
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