उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार पर विचार करने के लिए राज्यों के खाद्य और कृषि मंत्रियों की बैठक बुलाई है। यह बैठक प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है और इसके एजेंडे में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्यान्नों की वसूली और भंडारण क्षमता में विस्तार शामिल है।
दो दिवसीय सम्मेलन नई दिल्ली में इस महीने की 8 और 9 तारीख को होगा। बैठक का उद्घाटन वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी करेंगे और कृषि मंत्री श्री शरद पवार और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रोफेसर के.वी. थॉमस सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, योजना आयोग और यूआईडीएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेंगे।
बैठक में वसूली केन्द्रों से उपभोक्ता राज्यों तक खाद्यान्न को तेजी से पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध लदान प्रणाली पर भी विचार किया जाएगा। वसूली को प्रोत्साहित करने के लिए सीधे किसानों को अदायगी करने के तरीके को भी अपनाया जा रहा है। राज्य सरकारों से अनुरोध किया जाएगा कि इन प्रयासों को और सुदृढ़ बनाने के उपायों का पता लगाए।
सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण भी शुरू किया है, कुछ पायलट परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी हैं और कुछ राज्यों में बायोमीट्रिक कार्ड जारी करने, विभिन्न वर्गों के लाभ उठाने वालों की पहचान और जाली राशन कार्डों को समाप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सम्मेलन इन प्रयासों को और सुदृढ़ करने और उसे यूआईडीएआई के साथ जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा।
बैठक में महिला और बाल विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि विभाग, गृह मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, आर्थिक मामले विभाग, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और योजना आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी अपने विचार रखेंगे।(PIB)
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