बदलाव क्यों
इस समय किलोग्राम और लीटर में पैकिंग से ग्राहकों में भ्रम
लीटर की पैकिंग में वजन के लिहाज से कम तेल मिलता है
पैकिंग की एकरूपता से ग्राहक मूल्य का सही आकलन कर पाएंगे
केंद्र सरकार खाद्य तेलों की पैकिंग मात्रा के बजाय वजन यानि किलोग्राम में करने की अनिवार्यता लागू करने पर विचार कर रही है। उपभोक्ताओं के हितों के साथ ही पैकिंग में एकरूपता लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। पॉलीथीन, जार या फिर टिन में खाद्य तेलों की पैकिंग किलो में किए जाने की योजना है लेकिन टेट्रा पैक में पैकिंग करने वाली कंपनियों को लीटर में खाद्य तेल बेचने की अनुमति पहले की तरह जारी रहेगी।
उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाद्य तेलों की पैकिंग कंपनियां किलो और लीटर में करती हैं जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
इसीलिए खाद्य तेलों की पैकिंग किलो में करने को अनिवार्य बनाया जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। उन्होंने बताया कि कंपनियों को पुराना स्टॉक समाप्त करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा। इस आशय की अधिसूचना जल्दी ही जारी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि खाद्य तेलों की पैकिंग इस समय कंपनियां किलो और लीटर के आधार पर कर रही है। ऐसे में किलो में तो उपभोक्ताओं को पूरा 15 किलो खाद्य तेल मिल जाता है लेकिन लीटर के आधार पर उपभोक्ता को एक टिन में 13.65 किलो खाद्य तेल ही मिल पाता है। इसी तरह से एक लीटर की पैकिंग में 910 ग्राम खाद्य तेल पैक किया जाता है। सरकार उपभोक्ताओं के लिहाज से ऐसा कदम उठाने पर विचार कर रही है। (Business Bhaskar...R S Rana)
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