संयुक्त राष्ट्र की इकाई खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने भारत में दुग्ध उत्पादन वर्ष २०११ में चार फीसदी बढ़कर १,२१७ लाख टन होने का अनुमान किया है। एफएओ के एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2010 में देश का दुग्ध उत्पादन १,१६० लाख टन रहा।
एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में दूध और डेयरी उत्पादों की बढ़ रही मांग की वजह से यहां उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के डेयरी उत्पाद की उपस्थिति नदारद है। कृषि क्षेत्र के इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के नवीनतम 'फूड आउटलुक' रिपोर्ट में भी वर्ष 2011 के दौरान वैश्विक स्तर पर दुग्ध उत्पादन दो फीसदी तक बढ़कर ७,२८० लाख टन होने की उम्मीद जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान है कि एशिया में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है। और भारत में उत्पादन ५० लाख टन बढ़कर १,२१७ लाख टन रहने का अनुमान है। औद्योगिक संगठन एसोचैम के अनुसार, दुनिया में भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व के कुल उत्पादन में करीब २० फीसदी के आसपास देश का योगदान रहता है।
हालांकि भारत के कुल दूध उत्पादन का सर्वाधिक हिस्सा घरेलू स्तर पर ही खप जाता है। एसोचैम के अध्ययन के मुताबिक घरेलू डेयरी उद्योग वर्ष २०१५ तक पांच लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है जबकि घरेलू दुग्ध उत्पादन इस समान अवधि की समाप्ति तक १,१९० लाख टन तक पहुंच जा सकता है। (Business Bhaskar)
28 नवंबर 2011
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