नई दिल्ली November 09, 2011
पिछले एक साल से महंगाई के मोर्चे पर चीनी की कीमतों ने ज्यादा परेशान नहीं किया है, लेकिन अब उपभोक्ताओं को महंगी चीनी के लिए तैयार रहना होगा। ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) बढ़ाने के कारण होने जा रहा है। एसएपी बढऩे के एक दिन बाद ही थोक बाजार में चीनी के दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक यह बढ़ोतरी आगे भी जारी रहेगी। चीनी उद्योग के मुताबिक एसएपी बढऩे से उसकी लागत काफी बढ़ गई है। ऐसे में चीनी महंगी होनी तय है।चीनी का कारोबार करने वाली कंपनी एसएनबी इंटरप्राइजेज के मालिक सुधीर भालोटिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एसएपी बढऩे के एक दिन बाद ही चीनी मिलों ने इसकी कीमतों में 30-35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। इसलिए बाजार में चीनी के दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। बकौल भालोटिया ताजा बढ़ोतरी के बाद उत्तर प्रदेश में एक्स फैक्ट्री चीनी के दाम 2,950-3,000 रुपये और दिल्ली में पहुंच भाव 3100-3150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। चीनी कारोबारी आर. पी. गर्ग भी चीनी के दाम बढऩे की बात से इत्तेफाक रखते हैं। एसएपी बढऩे के बाद चीनी कीमतों के बारे में देश की प्रमुख चीनी निर्माता कंपनी बजाज हिंदुस्तान के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि गन्ना महंगा होने से चीनी की लागत काफी बढ़ गई है। इसलिए उपभोक्ताओं को महंगी चीनी के लिए तैयार रहना चाहिए। उक्त अधिकारी के मुताबिक चीनी मिलों ने फिलहाल इसकी कीमतों में 30-35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इस संबंध में धामपुर चीनी मिल लिमिटेड के उपाध्यक्ष अरविंद जैन का कहना है कि निश्चित रूप से गन्ना महंगा होने से लागत बढ़ी है। ऐसे में नई चीनी महंगी होना लाजिमी है। चीनी की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी? इसका पता लागत का आकलन करने के बाद ही चलेगा? बकौल जैन चीनी के दाम मांग और पूर्ति पर भी निर्भर करेंगे। भारतीय चीनी उद्योग संघ (इस्मा) के मुताबिक गन्ना महंगा होने से चीनी उत्पादन की औसत लागत बढ़कर कम से कम 33-34 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी, यह पिछले साल के 27-28 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा है। ऐसे में उपभोक्ताओं को इस साल चीनी 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खरीदने के लिए तैयार रहना होगा। वर्तमान में चीनी का औसत खुदरा मूल्य 32 रुपये प्रति किलोग्राम है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के एसएपी में 20 फीसदी बढ़ोतरी की थी। इस बढा़ेतरी के बाद सामान्य किस्म के गन्ने का एसएपी 240 रुपये और अगेती किस्म के गन्ने का एसएपी 250 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस्मा ने चीनी वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) 2011-12 के दौरान 2.6 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। चीनी उत्पादन का सरकारी अनुमान 247-250 लाख टन है। पिछले चीनी वर्ष में यह आंकडा 2.45 करोड़ टन था। देश में चीनी की सालाना खपत 220 लाख टन है। इस वर्ष सरकार तीन समान खेपों में खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के तहत 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे चुकी है। (BS Hindi)
10 नवंबर 2011
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