चालू खरीफ में चावल की बंपर पैदावार होने की संभावना है जबकि इस समय केंद्रीय पूल में चावल का भारी-भरकम स्टॉक मौजूद है। इसीलिए सरकार चावल पर लगी स्टॉक लिमिट को हटाने पर विचार कर रही है। लेकिन देश के सात राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, चंडीगढ़ और अंडमान एवं निकोबार में स्टॉक लिमिट जारी रहेगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की 21 नवंबर को होने वाली बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने सितंबर महीने में राज्य सरकारों से पत्र लिखकर चावल पर स्टॉक लिमिट हटाने के बारे में राय मांगी थी। दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, चंडीगढ़ और अंडमान एवं निकोबार की सरकारों ने स्टॉक लिमिट जारी रखने की मांग की है लेकिन अन्य राज्यों ने स्टॉक लिमिट हटाने की सिफारिश की है। इसीलिए देश के सात राज्यों में चावल पर स्टॉक लिमिट जारी रखने की योजना है लेकिन अन्य राज्यों से स्टॉक लिमिट हटाने की सिफारिश की गई है।उन्होंने बताया कि ईजीओएम की 21 नवंबर को होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सकता है। वैसे भी घरेलू बाजार में परमल चावल के दाम फुटकर बाजार में पिछले पांच-छह महीनों से 22-24 रुपये प्रति किलो पर स्थिर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्टॉक लिमिट हटा लेने से व्यापारियों के साथ ही किसानों को भी फायदा होगा।
उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए सरकार ने अक्टूबर 2008 में चावल पर स्टॉक लिमिट लगाई थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत राज्य सरकारों को अधिकार है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं।
चालू खरीफ सीजन में देश में चावल का बंपर उत्पादन 871 लाख टन होने का अनुमान है। जिससे चालू विपणन सीजन में चावल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद भी बढऩे की संभावना है।
देशभर की मंडियों से अभी तक एमएसपी पर 101 लाख टन से ज्यादा चावल की खरीद हो चुकी है। जबकि केंद्रीय पूल में एक नवंबर को चावल का भारी भरकम 260.83 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है। चालू विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने धान का एमएसपी 80 रुपये बढ़ाकर कॉमन वेरायटी के लिए भाव 1,080 रुपये और ए-ग्रेड के लिए 1,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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