बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
चालू पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए केंद्र सरकार ने ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत दस लाख टन चीनी निर्यात को मंजूरी दे दी है। चीनी व्यापारियों पर लगी स्टॉक लिमिट को भी समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा चावल पर भी सात राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, चंडीगढ़ और अंडमान एवं निकोबार को छोड़ बाकी राज्यों से स्टॉक लिमिट हटा ली गई है।
खाद्य मामलों पर प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की मंगलवार को हुई बैठक में ये फैसले हुए। खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के.वी. थॉमस ने बताया कि ओजीएल के तहत 10 लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा चीनी और चावल पर लगी स्टॉक लिमिट को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग ने 30 लाख टन चीनी निर्यात की मांग की थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए 10 लाख टन के निर्यात को ही मंजूरी दी गई है।
इससे घरेलू बाजार में चीनी कीमतों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि चालू सीजन में देश में चीनी का उत्पादन बढऩे की संभावना है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 247.7 लाख टन होने का अनुमान है जबकि उद्योग का अनुमान 260 लाख टन का है। इस समय फुटकर बाजार में चीनी के दाम 32 से 35 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों की सभी मिलों में पेराई शुरू होने से दिसंबर महीने में दाम घटने की आशंका है।
वर्ष 2009 में फुटकर बाजार में चीनी के दाम बढ़कर 47 से 49 रुपये प्रति किलो हो गए थे ऐसे में उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए सरकार ने अगस्त 2009 में स्टॉक लिमिट लगाई थी। चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि 30 नवंबर 2011 तक है। चावल पर सरकार ने अक्टूबर 2008 में स्टॉक लिमिट लगाई थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत राज्य सरकारों को अधिकार है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्यवाही कर सकती हैंं। (Business Bhaskar....R S Rana)
23 नवंबर 2011
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