राजकोट November 25, 2011
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के निकाय शेलक ऐंड फॉरेस्ट प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (शीफेक्सिल) ने साल 2011-12 में तिल का उत्पादन घटने का अनुमान जाहिर किया है। काउंसिल का कहना है कि रकबे में कमी और पैदावार में गिरावट के चलते तिल का उत्पादन घटेगा।शीफेक्सिल ने देश भर में तिल की फसलों के विभिन्न चरणों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल उत्पादन 25 फीसदी घटकर 2,75,000 टन पर आ जाएगा जबकि 2010-11 में 3,60,000 टन तिल का उत्पादन हुआ था। रकबे में गिरावट को उत्पादन में कमी की वजह बताई गई है, जो इस साल 8.7 फीसदी घटा है। साथ ही पैदावार में करीब 18.9 फीसदी की गिरावट आई है।रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010-11 में तिल का रकबा 13.1 लाख हेक्टेयर था, जो साल 2011-12 में घटकर 12 लाख हेक्टेयर रह गया है। इसके साथ ही इस साल पैदावार घटकर 210 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रह गई है जबकि पिछले साल 265 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की पैदावार हुई थी। पैदावार में गिरावट मुख्य रूप से पिछले मॉनसून में हुई भारी और देर तक हुई बारिश के चलते आई है।पिछले साल के मुकाबले तिल का रकबा, उत्पादन और पैदावार गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश समेत प्रमुख उत्पादक इलाकों में घटा है। गुजरात में भारी बारिश के चलते तिल की ज्यादातर फसल बर्बाद हो गई, इसके चलते किसानों ने वैकल्पिक फसलों मसलन कपास, अरंडी और मूंगफली का रुख कर लिया। गुजरात के किसान गर्मी के मौसम में तिल की फसल लगाना ज्यादा पसंद करते हैं। राजस्थान में भी जिलेवार तिल की फसल का प्रदर्शन असंगत रहा है। पाली और जोधपुर के किसानों ने पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर फसल की खबर दी है।इस साल तिलहन के उत्पादन में गिरावट के अनुमान के बावजूद शीफेक्सिल और कारोबारियों को भारत से बेहतर निर्यात की उम्मीद है। इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान 1,50,000 टन तिल का निर्यात किया जा चुका है।रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010-11 में तिल के निर्यात में 59 फीसदी की उछाल आई है। पूर्व के देशों को 1,55,000 टन तिल का निर्यात हुआ। यूरोपियन यूनियन भी भारत से तिल के बड़े आयातकों में से एक है और वहां पिछले साल 61,193 टन तिल का निर्यात हुआ।डी. एग्री एक्सपोर्ट लिमिटेड राजकोट के प्रबंध निदेशक सुरेश चंदराणा ने कहा - पिछले साल भारत से करीब 3.45 लाख तिल का निर्यात हुआ था। चंदराणा भारत में तिल के सबसे बड़े निर्यातक हैं और उन्होंने साल 2010-11 में 38,000 टन तिल का निर्यात किया था। (BS Hindi)
28 नवंबर 2011
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