मुंबई November 27, 2011
पिछले एक पखवाड़े में सोने की बिक्री 50 फीसदी गिरी है। दरअसल, आगे कीमतों में गिरावट की उम्मीद में ग्राहक खरीदारी से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि इस धातु की आवक 10 से 15 फीसदी बढ़ी है, क्योंकि उपभोक्ताओं को सोने की वर्तमान ऊंची कीमतों पर अपने सोने को नकदी में बदलने का सुनहरा मौका नजर आ रहा है।मुंबई के एक प्रमुख आभूषण निर्माता ने कहा, 'ग्राहकों को कीमत में गिरावट का इतंजार है, जिससे खरीदारी बहुत कम रह गई है। आम दिनों में 300 किलोग्राम रहने वाली दैनिक औसत बिक्री घटकर 140 से 150 किलोग्राम पर आ गई है।' रुपये के मूल्य में गिरावट के कारण इस धातु की कीमतों में तेजी आ रही है। नीति-निर्माताओं ने पहले ही रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले नीचे लाने में रुचि दिखाई है। रुपये के मूल्य में बढ़ोतरी से आयात आधारित जिंसों की कीमतें निश्चित रूप से नीचे आएंगी। साफ है कि सबसे पहले इसका फायदा सोने को मिलेगा।पीली धातु की कीमत रुपये के लिहाज से शनिवार को 1.49 फीसदी गिरकर 28,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि डॉलर के लिहाज से इसकी कीमत में 5.46 फीसदी गिरावट हुई। मुंबई के जवेरी बाजार में पीली धातु का भाव 28,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। लंदन के हाजिर बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमतें गिरकर 1683.53 डॉलर प्रति औंस रहीं, जो 15 नवंबर को 1780.82 डॉलर प्रति औंस थीं।चांदी को भी ग्राहकों की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई में चांदी भी शनिवार को 3.88 फीसदी गिरकर 55,270 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जो दो सप्ताह पहले 57,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी। हालांकि डॉलर के लिहाज से चांदी 9.50 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 31.81 डॉलर प्रति औंस रही जो दो सप्ताह पहले 34.54 डॉलर प्रति औंस थी। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 3.14 फीसदी गिरकर शुक्रवार को 52.26 रही जो 15 नवंबर को 50.67 थी। मुंबई के सर्राफा कारोबारी पुष्पक बुलियन के निदेशक केतन श्रॉफ ने कहा, 'आने वाले समय में कीमतें गिरने की उम्मीद में ग्राहक ताजा खरीदारी से दूरी बनाए हुए हैं। भारत में कीमतों में गिरावट लंदन की तुलना में बहुत कम रही है। ग्राहकों को आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट की संभावना नजर आ रही है।' उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट, इक्विटी, धातु और ऊर्जा समेत सभी क्षेत्रों में गिरावट आई है। ग्राहकों का मानना है कि इसी तरह का रुझान कीमती धातुओं में भी देखने को मिलेगा, जो अभी तक नहीं दिखाई दिया है। इसलिए कीमतों में भारी गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।अगर यही रुझान आगे भी जारी रहा तो भारत में सोने की कुल खपत स्थिर रहेगी या घटेगी। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि भारत में वैवाहिक सीजन की शुरुआत के साथ सोने की मांग बढ़ेगी।एक सर्राफा कंपनी नाकोड़ा बुलियंस के प्रोपराइटर ललित जागावत ने कहा, 'निवेश का एक बड़ा भाग कीमती धातुओं के बजाय सावधि जमा में जा रहा है, जो न केवल ज्यादा और सुनिश्चित रिटर्न देता है बल्कि ग्राहक जब चाहे तभी मूलधन की सुरक्षित निकासी कर सकता है। इसलिए ग्राहक वर्तमान ऊंची कीमतों पर अपने सोने के स्टॉक के एक भाग की बिक्री कर सावधि जमा का विकल्प आजमा रहे हैं। आभूषण निर्माताओं के लिए वैवाहिक सीजन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। (BS Hindi)
28 नवंबर 2011
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