दबाव नवंबर में गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र में भी आवक बढ़ेगी
घरेलू बाजारदस अक्टूबर को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 39,000 से 39,200 रुपये प्रति कैंडी था जबकि शनिवार को भाव बढ़कर 39,500 से 39,700 रुपये प्रति कैंडी हो गया।वैश्विक परिदृश्यन्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन अक्टूबर डिलीवरी का भाव 28 सितंबर को 99.53 सेंट प्रति पाउंड था जबकि 28 अक्टूबर को इसका भाव बढ़कर 104.39 सेंट प्रति पाउंड हो गया।निर्यातकों की मांग बढऩे से कपास की कीमतों में तेजी बनी हुई है। पिछले दस दिनों में इसकी कीमतों में 500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आ चुकी है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर शनिवार को 39,500 से 39,700 रुपये प्रति कैंडी हो गया। नवंबर में आवक बढऩे पर कपास की कीमतों में नरमी आ सकती है।
ऑल गुजरात जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी. पटेल ने बताया कि कपास की दैनिक आवक तो बढ़ी है लेकिन निर्यातकों के साथ ही लोकल मिलों की अच्छी मांग बनी हुई है जिससे पिछले दस दिनों में कपास की कीमतों में 500 रुपये की तेजी आ चुकी है। दस अक्टूबर को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 39,000 से 39,200 रुपये प्रति कैंडी था जबकि शनिवार को भाव बढ़कर 39,500 से 39,700 रुपये प्रति कैंडी हो गया। त्यौहारी सीजन होने के कारण उत्पादक मंडियों में भी आवक भी सीमित मात्रा में हो रही है।
उन्होंने बताया कि नवंबर में गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र में भी आवक बढ़ेगी जिससे कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी बनी हुई है। पिछले एक महीने में इसके दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4.86 फीसदी बढ़ चुके हैं। इसी का असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर पड़ रहा है।
न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन का भाव 28 सितंबर को 99.53 सेंट प्रति पाउंड था जबकि 28 अक्टूबर को इसका भाव बढ़कर 104.39 सेंट प्रति पाउंड हो गया। मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि निर्यातकों ने अगाऊ सौदे कर रखे हैं इसीलिए निर्यातकों की मांग बढ़ी हुई है। जबकि लेबर की समस्या होने के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में कपास की आवक भी कम हुई है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आवक घटकर 9,000 से 1,000 गांठों (एक गांठ-170 किलो) की रह गई जबकि चालू महीने के शुरू में 20,000 गांठों से ज्यादा आवक हो रही थी। कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन बढ़कर 361 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2010-11 में उत्पादन 334.25 लाख गांठ का हुआ था। चालू खरीफ विपणन सीजन वर्ष 2011-12 के लिए केंद्र सरकार ने (मीडियम स्टेपल) वाली कपास का एमएसपी 2,800 रुपये और (लांग स्टेपल) वाली कपास का एमएसपी 3,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।मध्य प्रदेश में आवक बढऩे के आसारइंदौर पिछले पखवाड़े में त्योहारी सीजन के चलते प्रदेश की मंडियों में कपास की आवक सीमित चल रही थी। लेकिन नवंबर के प्रथम सप्ताह से मंडियों में कपास की आवक काफी बढ़ जाएगी। कारोबारियों का कहना है कि आवक बढऩे से रुई की कीमतों में गिरावट आ सकती है। जानकारों के अनुसार दीपावली मुहूर्त सौदे में ३० एमएम रुई का भाव ३८,५००-३९,००० रुपये प्रति कैंडी रहा।
खरगोन कपास मंडी के व्यापारी संघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह का कहना है कि नए कपास वर्ष में उत्पादन रिकॉड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। भारतीय कपास निगम द्वारा इस बार मध्य प्रदेश में १७ लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।
कपास उत्पादन में बढ़ोतरी की वजह प्रदेश में कपास का रकबा बढऩा है। इस बार राज्य में गत वर्ष के ६.११ लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले ६.५० लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की फसल बोई गई है। कारोबारियों के अनुसार फिलहाल मध्य प्रदेश की मंडियों में २८ एमएम रुई के भाव ३५००० रुपये से ३६००० रुपये प्रति कैंडी और २९ एमएम रुई की कीमत ३७०००-३७७०० रुपये प्रति कैंडी चल रहे हैं। (Business Bhaskar)
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