नई दिल्ली November 10, 2011
महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। क्योंकि अब खाद्य तेल सस्ते होने लगे हैं। कारोबारियों का कहना है कि त्योहार बीत जाने के बाद एक तो इनकी मांग कमजोर हुई है, वहीं दूसरी ओर नई फसल का भी दबाव बढ़ा है। इसलिए खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है और आने वाले दिनों में खाद्य तेल 3 से 4 फीसदी और सस्ते हो सकते हैं। बीते 10-12 दिनों के दौरान घरेलू बाजार में रिफाइंड सोया तेल इंदौर डिलिवरी के दाम 20 रुपये गिकर 610 रुपये, सरसों तेल दादरी डिलिवरी के दाम 672 रुपये से गिरकर 660 रुपये और मूंगफली तेल के दाम 80 रुपये गिरकर 850 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गए हैं। खाद्य तेल की कीमतों के बारे में सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री ऐंड ट्रेड (कोएट) के अध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल ने बताया कि बीते माह त्योहारों के चलते खाद्य तेल महंगे हुए थे, लेकिन अब त्योहार बीतने के साथ ही मांग कमजोर हुई है। इसलिए खाद्य तेल की कीमतों में फिर से गिरावट आने लगी है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन (डिवोटा) के महासचिव हेमंत गुप्ता भी खाद्य सस्ते होने की बात से इत्तेफाक रखते हैं। गुप्ता बताते है कि पिछले साल की तरह इस साल भी तिलहन की पैदावार अधिक है। इसलिए त्योहारों के अवसर को छोड़ दिया जाए तो खाद्य तेलों की कीमतें नरम ही रही हैं। बकौल गुप्ता आने वाले दिनों में सोयाबीन, मूंगफली समेत अन्य तिलहन की आवक जोर पकड़ेगी। ऐसे में खाद्य तेल 3 से 4 फीसदी सस्ते हो सकते हैं। खाद्य तेल कारोबारी तुषार भाई को भी लगता है कि आने वाले दिनों में खाद्य तेल और सस्ते हो सकते है। इस बारे में अग्रवाल का कहना है कि बीते साल भी तिलहन की पैदावार अच्छी थी और इस बार भी पैदावार ज्यादा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेल की उपलब्धता बेहतर है। इसलिए खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का ही माहौल दिखाई दे रहा है। पहले सरकारी अग्रिम खरीफ अनुमान के मुताबिक देश में 208.9 लाख टन तिलहन की पैदावार होने की संभावना है, पिछले खरीफ में यह आंकड़ा 208.4 लाख टन था। देश में तिलहन की पैदावार बढऩे की वजह से खाद्य तेलों के आयात में कमी आ रही है। तेल वर्ष (नवंबर 2010-सितंबर 2011) के दौरान खाद्य तेलों का आयात 7.6 फीसदी घटकर 77.73 लाख टन रह गया है। (BS Hindi)
14 नवंबर 2011
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