फायदानियमों में रियायत देने पर ज्यादा किसान सरकारी केंद्र पर बेच सकेंगे उपजविपणन सीजन 2010-11 में खरीदे गए बाजरे की बिक्री से नुकसान की भरपाई केंद्र करेगाहरियाणा में सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बाजरा खरीद संबंधी शर्तों में केंद्र सरकार ढील देगी। इसके अलावा पिछले साल राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा खरीदे गए बाजरा की बिक्री करने से हुए नुकसान की भरपाई भी केंद्र सरकार करेगी। सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस से इस बारे में मुलाकात की।
इस अवसर पर खाद्य मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि चालू विपणन सीजन 2011-12 में बाजरा की खरीद के लिए बनाए गए नियमों के कुछ ढील दी जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों से बाजरा की खरीद हो सकेगी और इसका लाभ उन्हें मिलेगा। इसके अलावा विपणन सीजन 2010-11 में हरियाणा राज्य से सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए बाजरे की बिक्री में होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी।
हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल राज्य से सरकारी एजेंसियों ने 73,586 टन बाजरे की खरीद एमएसपी पर की थी। विपणन सीजन वर्ष 2010-11 के लिए बाजरा का एमएसपी 880 रुपये प्रति क्विंटल था।
उन्होंने बताया कि पिछले साल सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए बाजरे में एमएसपी के अलावा टैक्स और परिवहन लागत आदि को मिलाकर इसका दाम करीब 1,150 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल पड़ा था जबकि निविदा के माध्यम से इसकी बिक्री 1,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीचे भाव में हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार को इससे करीब 22-23 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि चालू खरीफ सीजन में बाजरे की एमएसपी पर खरीद तो शुरू हो गई है तथा केंद्र सरकार ने चालू विपणन सीजन के लिए बाजरे का एमएसपी 980 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। केंद्र सरकार ने खरीद मानक काफी कड़े किए हुए हैं जिसकी वजह से खरीद में तेजी नहीं आ रही। चालू खरीफ में अभी तक 13,000 टन बाजरा एमएसपी पर खरीदा गया है। केंद्र सरकार खरीद नियमों में ढील देगी तो खरीद पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है। (Business bhaskar....R S Rana)
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