बासमती चावल के निर्यात के प्रोत्साहन के लिए जल्द ही इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को कम किया जा सकता है। वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में मंत्रियों के समूह को अपनी सिफारिश भेज दी है और जल्द ही इस पर फैसले की संभावना है। वर्तमान में बासमती चावल का एमईपी 900 डालर प्रति टन है।
निर्यातकों के मुताबिक बासमती के चावल के एमईपी में कमी से निर्यात में 10-15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। निर्यातकों के मुताबिक बासमती चावल के एमईपी में 150-200 डालर तक प्रति टन की कमी की जा सकती है। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय की तरफ की अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है।
एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी आफ इंडिया (एपीडा) द्वारा आयोजित बासमती फॉर वल्र्ड 2011 सम्मेलन के दौरान वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा कि बासमती चावल के निर्यात को लेकर विश्व के कई देश विभिन्न प्रकार की रुकावट पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे बासमती चावल के एमईपी को कम करने के पक्ष में है और मंत्रालय ने इसकी सिफारिश भी की है। इस संबंध में ग्रुप आफ मिनिस्टर्स को प्रस्ताव भेज दिया गया है। बासमती चावल के निर्यातकों के मुताबिक एमईपी में कमी नहीं होने पर घरेलू बाजार में इसकी कीमत काफी कम हो सकती है। (Business Bhaskar)
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