भोपाल January 28, 2011
विदेश में सोयाबीन खली की भारी मांग के चलते इसके निर्यात में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। पिछले 3-4 महीनों में इसकी मांग में दोगुनी तक बढ़ोतरी होने से इस दौरान इसका निर्यात भी खूब बढ़ा है। सितंबर 2010 की तुलना में दिसंबर 2010 में लगभग 3 लाख टन तक का इज़ाफा हुआ है। जहां सितंबर 2010 में निर्यात 2 लाख 95 हज़ार 957 टन था, वहीं दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 6 लाख 12 हज़ार 66 टन तक पहुंच गया है। दिसंबर का यह आंकड़ा पिछले साल के इसी माह की तुलना में तकरीबन 87 फीसदी से भी अधिक है। सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) आगे भी निर्यात में और बढ़ोतरी की बात कर रहा है। सोपा के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि सोयाबीन की नई फसल में अभी कई महीनों की देरी है। वर्तमान में दूसरे देशों से सोयाबीन खली की मांग अधिक बनी हुई है। अक्टूबर से सितंबर तक चलने वाले तेल वर्ष के अंत तक निर्यात में तेजी बनी रहेगी। ऐसे में जनवरी 2011 तक खली का निर्यात 20 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि सोपा की तरफ से तेल वर्ष के अंत तक 35 लाख टन निर्यात का लक्ष्य है।आंकड़ों की मानें तो पूरे तेल वर्ष के दौरान सोयाबीन खली की सबसे अधिक मांग जापान, वियतनाम, इंडोनेशिया, चीन, तुर्की, फ्रांस और कोरिया जैसे देशों में है। जहां जापान में 8 लाख 41 हज़ार 766 टन निर्यात किया गया है, वहीं वियतनाम, इंडोनेशिया, चीन और तुर्की में इसकी संख्या क्रमश: 6,06,000 टन, 2,26,556 टन, 1,11,441 टन और 21,950 टन है। इसके अलावा भारत से फं्रास में 36 हज़ार 287 टन और कोरिया में 31 हज़ार 717 टन सोयाबीन भेजा गया है। विदेशों में सोयाबीन खली की लगातार बढ़ रही मांग को लेकर निर्यातक और उत्पादक दोनों ही काफी खुश नज़र आ रहे हैं। निर्यात बढऩे से जहां एक ओर निर्यातकों की उदासी खत्म हो सकी है, वहीं किसानों को भी मौसम की मार के चलते अन्य फसलों को हुए नुकसान से कुछ राहत मिलती दिख रही है। उज्जैन के सोया उत्पादक इख़्ितयार अहमद ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस सत्र में बोई गई अधिकतर फसल पर मौसम की मार से काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में सोयाबीन खली की बढ़ी मांग से किसानों को थोड़ी राहत अवश्य मिली है। साथ ही सोयाबीन के स्टॉक को बाज़ार तक पहुंचाने वालों की संख्या में भी तेजी आई है।उल्लेखनीय है कि देश में मध्य प्रदेश, महाराष्टï्र तथा राजस्थान जैसे राज्यों में काफी मात्रा में सोयाबीन की खेती की जाती है। देश भर का लगभग 65 फीसदी सोया उत्पादन मध्यप्रदेश में ही किया जाता है। साथ ही मध्य प्रदेश में सोया खली की भी भारी उपलब्धता है। राज्य और देश से भारी मात्रा में सोयामील का निर्यात दूसरे देशों को किया जाता है। आयातक देशों में चीन, जापान, ईरान, कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, मलेशिया और कुवैत जैसे देश प्रमुख हैं। (BS Hindi)
29 जनवरी 2011
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