भोपाल January 17, 2011
मौसम की मार से चने के बढ़े रकबे की चमक लगातार फीकी होती जा रही है। अधिकतर चना उत्पादक राज्यों में 20 से 60 फीसदी तक फसल मौसम की भेंट चढ़ चुकी है। दूसरी ओर शादी-विवाह के सीजन के चलते चने की मांग में उछाल आई है। फसल खराब होने की खबर और मांग बढऩे से इसके दामों में बढ़ोतरी दर्र्ज हो रही है। कई वर्षों के बाद चना 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच गया है। जानकार अगले महीने तक चने की कीमत 2,700-2,800 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर के पार हो जाने का अनुमान लगा रहे हैं। चना कारोबारी पंकज मिश्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बार चने के रकबे में बढ़ोतरी देखी गई थी लेकिन शीतकाल में मध्य प्रदेश में कई जगह चने की लगभग पूरी फसल खराब हो गई है। दूसरे चना उत्पादक राज्यों में भी स्थिति काफी गंभीर है। ऐसे में आने वाले समय में चने के दामों में उछाल बनी रह सकती है। आंकड़ों के अनुसार, अधिक ठंड के चलते आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 60 फीसदी तक चने का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्टï्र और राजस्थान में 20 से 50 फीसदी तक चने की फसल को नुकसान पहुंचा है। मौसम में सुधार नहीं हुआ तो फसल को और ज्यादा नुकसान पहुंचने की आशंका है। घरेलू बाजार में जनवरी से चने की फसल आनी शुरू हो जाती है। आमतौर पर इस दौरान बाजार में विदेशी चने की भी आवक शुरू हो जाती है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं है। प्रदेश की कई मंडियों में चने की आवक 1000-1500 बोरी के आस-पास ही है। वर्तमान में चने की मांग में तेजी को पूरा करने में चना व्यापारी खुद को असमर्थ मान रहे हैं। सत्र में प्रदेश में चने के रकबे में काफी उछाल दर्ज की गई थी। इस वर्ष प्रदेश में 31 लाख 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई थी, जोकि पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक है। रकबे में इज़ाफे का कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हुई 20 फीसदी की बढ़ोतरी को बताया जा रहा है। सरकार ने इस वर्ष चने का एमएसपी बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति क्विंटल किया था, जबकि पिछले वर्ष 1,760 रुपये ही था। इंदौर के चना निर्यातक और उत्पादक गंगाराम ने बताया कि सरकार द्वारा चने का एमएसपी बढ़ाने से किसानों को मिली खुशी मौसम की बेरुखी के चलते खत्म हो गई है। देश के साथ ही विदेशों में भी चने की फसल को इस बार नुकसान पहुंचा है। इससे पिछले कुछ हफ्तों में 23 रुपये प्रति किलोग्राम वाले चने का दाम बढ़कर 26 रुपये के आस पास पहुंच गया है। हाल में प्रदेश में हुई असमय बारिश और अधिक ठंड के चलते कई जगह चने की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कहीं-कहीं बारिश के कारण फसलों की बोअनी भी दोबारा करनी पड़ी है। इन क्षेत्रों में देवास, इंदौर, रतलाम, शाजापुर, धार, नीमच, सीहोर और उज्जैन जैसे चना उत्पादक जिले प्रमुख हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में चने का दाम 2,350 रुपये से लेकर 2,500 रुपये तक बना हुआ है। इसके अलावा डॉलर चने का दाम 5,100 रुपये से लेकर 5,500 रुपये के आस-पास है। देश का लगभग 60 से 65 फीसदी चना उत्पादन मध्यप्रदेश में ही होता है। प्रदेश में देवास, इंदौर, रतलाम, शाजापुर, धार, नीमच, सीहोर और उज्जैन अधिक मात्रा में चने के उत्पादक क्षेत्र हैं। चने के साथ ही प्रदेश में डॉलर चने का उत्पादन भी काफी मात्रा में होता है। भारी मात्रा में उत्पादन होने के चलते यहां के डॉलर चने को विदेशों में निर्यात किया जाता है। निर्यात किये जाने वाले देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, अल्जीरिया, दुबई और कई खाड़ी देश प्रमुख हैं। (BS Hindi)
18 जनवरी 2011
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