नई दिल्ली January 27, 2011
पेट्रोल में मिलाए जाने वाले नवीकरण योग्य ईंधन एथेनॉल की कीमत का जुड़ाव पेट्रोल की कीमतों के साथ हो सकता है। लेकिन इससे पहले एथेनॉल का उष्मीय महत्व, माइलेज और कर प्रोत्साहनों का समायोजन किया जाएगा। एथेनॉल कीमत पर योजना आयोग की सदस्य सुमित्रा चौधरी की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया है कि मौजूदा तिमाही में चीनी कंपनियों के लिए एथेनॉल की कीमत 26.76 रुपये प्रति लीटर होनी चाहिए, जो पिछली तिमाही की पेट्रोल की कीमत पर आधारित है। यह कीमत मंत्रियों के समूह द्वारा पिछले साल घोषित 27 रुपये प्रति लीटर से कम है।नई कीमतें तिमाही समीक्षा के लिए पेश होंगी, जो पिछली तिमाही की पेट्रोल की कीमतों पर आधारित होंगी। कीमतों का नया फॉर्मूला पिछले फॉर्मूले से अलग होगा, जो निविदा प्रक्रिया के जरिए तय होती थी। पेट्रोल में 5 फीसदी एथेनॉल मिलाने का काम पिछले दो साल से जारी था, पर अक्टूबर 2009 में यह इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि गन्ने की पैदावार में गिरावट आ गई थी और एथेनॉल विनिर्माताओं की तरफ से भी इसकी आपूर्ति में कमी देखी गई थी। इसे दोबारा नवंबर महीने में शुरू किया गया।एथेनॉल की कीमत 26.76 रुपये तय करने से पहले समिति ने पेट्रोल व एथेनॉल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क (क्रमश: 14.35 रुपये प्रति लीटर और 2.78 रुपये प्रति लीटर) के अंतर पर नजर रखी है और इसे तेल कंपनियों के संचालन लागत, परिवहन लागत और माइलेज में कटौती से समायोजित कर दिया है। विनियमित कीमत व्यवस्था और लागत आधारित कीमत का अध्ययन करने के बाद समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कई अध्ययनों से पता चला है कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल करने पर सड़क पर वाहनों के माइलेज में कमी आती है। पर उत्सर्जन में कमी आती है। एथेनॉल को ग्रीन ईंधन माना जाता है और पेट्रोल में इसके मिलावट से कच्चे तेल के आयात पर भारत की बढ़ती निर्भरता में कमी लाने में मदद मिल सकती है। तेल कंपनियों में से कुछ ने एथेनॉल उत्पादन शुरू करने की भी योजना बनाई है। उदाहरण के तौर पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने साल 2008 में बिहार की दो बीमार चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन के लिए खरीदा है। इन मिलों में मौजूदा तिमाही में उत्पादन शुरू होने की संभावना है। (BS Hindi)
28 जनवरी 2011
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