प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम प्रतिकूल होने से काली मिर्च की नई फसल की आवक में देरी हो रही है। इस वजह से काली मिर्च के भाव में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। कोच्चि में शुक्रवार को एमजी वन काली मिर्च का भाव 23,000 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। खराब मौसम के चलते उत्पादन में कमी की भी आशंका है। ऐसे में मध्य फरवरी के बाद आवक बढऩे पर ही कारोबारियों को मूल्य में गिरावट आने की उम्मीद है।
केदारनाथ एंड संस के पार्टनर अजय अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नवंबर-दिसंबर में उत्पादक क्षेत्रों में मौसम खराब रहा था जिसकी वजह से काली मिर्च की नई फसल लेट हो गई है। सामान्यत: दिसंबर मध्य में नई फसल की आवक शुरू हो जाती है। लेकिन इस समय छिटपुट आवक ही हो रही है। इसीलिए काली मिर्च की कीमतों में अपेक्षित गिरावट नहीं आ पा रही है।
शुक्रवार को एमजी-वन काली मिर्च का भाव 23,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। 17 दिसंबर को इसका भाव 21,200 रुपये प्रति क्विंटल था। मध्य फरवरी तक नई फसल की आवक में बढ़ोतरी की संभावना है। इसीलिए काली मिर्च की कीमतों में फरवरी के आखिर में ही मंदा आने की संभावना है। वैसे मार्च में वियतनाम में भी नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी।
इंटरनेशनल पिपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुसार वर्ष 2011 में विश्व में काली मिर्च का उत्पादन घटकर 309,952 टन रहने का अनुमान है। यह वर्ष 2010 में उत्पादित 316,380 टन से कम है। वर्ष 2009 के दौरान विश्व का काली मिर्च का उत्पादन 318,662 टन रहा था। प्रमुख उत्पादक देशों में बकाया स्टॉक भी वर्ष 2011 में घटकर 94,582 टन ही रहने की संभावना है। जबकि वर्ष 2010 में बकाया स्टॉक 95,442 टन रहा था। बंगलुरू के काली मिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि भारत और वियतनाम की नई फसल को देखते हुए विश्व बाजार में काली मिर्च की मांग कम हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च के भाव 5.51 डॉलर प्रति किलो चल रहे है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में काली मिर्च का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3.46 डॉलर प्रति किलो था। अन्य देशों की काली मिर्च का भाव भी 5.3 से 5.5 डॉलर प्रति किलो है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों अप्रैल -नवंबर के दौरान कालीमिर्च के निर्यात में 17 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान निर्यात घटकर 11,500 टन रह गया। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 13,850 टन का निर्यात हुआ था। बाफना इंटरप्राइजेज के एक्जूक्युटिव आफिसर जे मालायाली ने बताया कि मसाला बोर्ड ने चालू सीजन में देश का काली मिर्च उत्पादन 50 हजार टन होने का अनुमान लगाया है। लेकिन उद्योग का मानना है कि उत्पादन 45-46 हजार टन ही होने की संभावना है। इसलिए कीमतों में गिरावट नहीं आ पा रही है।बात पते कीवर्ष 2011 में विश्व में काली मिर्च का उत्पादन घटकर 309,952 टन रहने का अनुमान है। देश में काली मिर्च का उत्पादन खराब मौसम के कारण 50 हजार टन के पिछले अनुमान से घटकर 45-46 हजार टन रहने की संभावना है। (Business Bhaskar......R S Rana)
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