बेंगलुरु January 09, 2011
कर्नाटक में इस साल रबी फसलों के रकबे में तकरीबन 15 फीसदी तक की गिरावट आई है। चालू रबी सत्र के दौरान राज्य में रबी फसलों का कुल बुआई क्षेत्र घटकर 30 लाख हेक्टेयर रह गया है जबकि पिछले साल 35.2 लाख हेक्टेयर भूमि में रबी फसलें लगाई गई थी। रकबा घटने के पीछे मूल कारण यह है कि असमय बारिश के चलते रबी फसलों की बुआई में बाधा पहुंची। साथ ही कुछ किसानों ने रबी फसल की जगह कपास या अन्य फसलों की ओर अपना रुख किया। राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में इस साल मॉनसून की स्थिति अच्छी रहने से यहां खाद्यान्न का उत्पादन अपेक्षाकृत बेहतर रहने की संभावना है। अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में राज्य में औसतन 271.3 एमएम की वर्षा हुई जबकि यहां औसत बारिश 172 एमएम है। यानी औसत से तकरीबन 57 फीसदी ज्यादा बारिश ने भले ही खरीफ फसलों को फायदा पहुंचाया लेकिन इसके चलते राज्य में रबी फसलों की बुआई प्रभावित हुई है। इसका कारण यह है कि मिट्टïी में अभी भी पर्याप्त नमी है और खेतों में कहीं-कहीं पानी भी फसा हुआ है। इसके चलते राज्य के किसी-किसी हिस्सों में अभी भी धान और मक्के की फसलों की कटाई नहीं हो सकी है। ऐसी सूरत में एक तो खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद हो रही है और रबी फसलों की बुआई का समय भी निकलता जा रहा है। बताया जाता है कि राज्य में करीब 2,00,000 हेक्टेयर भूमि में अभी भी धान और मक्के की फसल खड़ी है। जल्द इसकी कटाई नहीं की गई तो यह फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है। राज्य के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'वर्ष 2009-10 में खरीफ सीजन के दौरान भी कम मॉनसूनी बारिश के चलते राज्य में खरीफ फसलों विशेषकर धान की बुआई प्रभावित हुई थी और इसका रकबा घटा था लेकिन रबी फसलों की स्थिति बेहतर रही थी। इस साल स्थिति ठीक इसके विपरीत है। प्रचुर बारिश के चलते राज्य में अलग-अलग खरीफ फसलों का रकबा खूब बढ़ा। यानी इस साल खरीफ फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहा तो रबी फसलों की बुआई प्रभावित हुई है। अधिकारी ने कहा कि खरीफ फसलों की स्थिति अच्छी होने से इस साल राज्य में खाद्यान्न का उत्पादन 1.23 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। कर्नाटक में खाद्यान्न का सबसे ज्यादा उत्पादन का रिकॉर्ड वर्ष 2007-08 में 1.20 करोड़ टन है। इस आधार पर कह सकते हैं कि अनुकूल मौसम के चलते राज्य में इस बार खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में इस साल 1.23 करोड़ टन अनाज उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले साल की तुलना में करीब 16 फीसदी ज्यादा है। वर्ष 2009-10 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 1.06 करोड़ टन रहा था। रबी फसलों के लिए 36.5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। राज्य के कुल खाद्यान्न उत्पादन में से रबी फसलों का हिस्सा 20 फीसदी है। चालू रबी सत्र में अब तक 10 लाख हेक्टेयर में ज्वार और चने की बुआई भी 10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। जबकि इस साल इन फसलों का बुआई लक्ष्य 8.86 लाख हेक्टेयर तय किया गया था। यानी ज्वार और चने का रकबा लक्ष्य से ज्यादा है। वहीं इस साल 2 लाख हेक्टयर भूमि में गेहूं लगाई गई है। जो लक्ष्य की तुलना में कम है। कपास की खेती 1,16,000 हेक्टेयर भूमि में की जा रही है। दाल की खेती को बढ़ावा देने के लिए चलाए गए खास कार्यक्रम का कुछ असर दिखाई दिया है। खरीफ और रबी दोनों सत्रों को मिलाकार इस साल कुल 28 लाख हेक्टेयर भूमि में दालों की खेती की जा रही है। यह अब तक का सर्वाधिक स्तर है। (BS Hindi)
10 जनवरी 2011
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