नई दिल्ली January 07, 2011
खाने-पीने की चीजों की महंगाई में नरमी लाने की खातिर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर महंगाई को नियंत्रित करने में उनकी मदद मांगी है। वित्त मंत्री ने कहा है कि आपूर्ति की स्थिति ठीक करने के लिए राज्य जमाखोरों पर शिकंजा कसे। उन्होंने कहा है कि खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति ठीक करने के लिए राज्य सरकारों को तत्काल स्थानीय तत्वों पर नजर डालनी चाहिए, जो थोक व खुदरा कीमतों के बीच की खाई को चौड़ा कर रहे हैं। 25 दिसंबर को समाप्त हफ्ते में महंगाई का आंकड़ा 18.32 फीसदी पर पहुंच गया है और गुरुवार को इसके जारी होने के एक दिन बाद वित्त मंत्री ने यह कदम उठाया है।वित्त मंत्रालय की जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, वित्त मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वह आपूर्ति श्रृंखला के सभी अवरोधों को दूर करें और इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करें क्योंकि ये चीजें अर्थव्यवस्था में महंगाई बढ़ा रहे हैं। गुरुवार को जारी महंगाई के आंकड़ों से पता चलता है कि महंगाई में मुख्य तौर पर इजाफा सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से हुई है, वहीं इसके एक चौथाई हिस्से के लिए दूध की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार रही हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में अनाज व दालों के दाम गिरे हैं और हाल के हफ्तोंं में भी इसका गिरना जारी है जबकि खाद्य महंगाई का रुख इसके ठीक उलट है। अप्रैल 2010 में 21 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंच चुकी महंगाई साल दर साल के हिसाब से 20 नवंबर 2010 को गिरकर 8.6 फीसदी पर आ गई थी, लेकिन उसके बाद से इसमें बढ़ोतरी होती रही है। (BS Hindi)
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