मुंबई January 07, 2011
बेमौसम बारिश ने महाराष्ट्र में खरीफ की फसलों को भले ही भारी क्षति पहुंचाई हो लेकिन इससे यहां रबी फसलों को जबरदस्त फायदा पहुंचने का अनुमान है। राज्य में लंबे समय तक बारिश होना रबी फसलों की बुआई के लिए अनुकूल माना जा रहा है। यही कारण है कि चालू रबी सत्र के दौरान राज्य में अब तक फसलों की बुआई में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। राज्य में रबी फसलों की बुआई के लिए कुल तय लक्ष्य 58.6 लाख हेक्टेयर में से 3 जनवरी तक 55 लाख हेक्टेयर भूमि में फसलों की बुआई हो चुकी है। इस आधार पर देखें तो फसल बुआई का काम लगभग 94 फीसदी पूरा हो चुका है। बाकी हिस्सों में भी कुछ दिनों के अंदर बुआई हो जाने की उम्मीद है। प्रमुख रबी फसल गेहूं, चना आदि की बुआई अब तक तय लक्ष्य से भी ज्यादा हो चुकी है। राज्य में इस साल 9 लाख हेक्टेयर में गेहूं लगाने का लक्ष्य रखा गया था जबकि अब तक कुल 10.9 लाख हेक्टेयर में इसकी बुआई हो चुकी है। इसी तरह अब तक 12.9 लाख हेक्टेयर में चने की बुआई की जा चुकी है जबकि चालू सत्र के लिए केवल 10.6 लाख हेक्टेयर भूमि में चना बोने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि इस दौरान ज्वार के रकबे में कमी आई है। 30.8 लाख हेक्टेयर तय तक्ष्य की तुलना में अब तक केवल 26 लाख हेक्टेयर भूमि में ज्वार की बुआई हो सकी है। माना जा रहा है कि यह तय लक्ष्य से पीछे रह सकता है। इसी तरह सूरजमुखी तेल की खेती को लेकर भी किसानों ने बेरुखी दिखाई है। बाजार में इसके दामो में स्थिरता और पानी की पर्याप्त उपलब्धता न होने की वजह से किसानों ने इस बार काफी कम मात्रा में सूरजमुखी की खेती की है। अब तक 0.82 लाख हेक्टेयर भूमि में ही इसकी फसल लगाई गई है जबकि लक्ष्य 2.03 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का था। महाराष्ट्र कृषि आयुक्त कार्यालय के अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'राज्य में इस बार अतिरिक्त बारिश होने से रबी फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। यही कारण है कि चालू रबी सत्र में अब तक इसका रकबा बढ़ा है। महाराष्ट्र में कुल खाद्यान्न उपज में से करीब 35 फीसदी हिस्सा रबी सत्र का और 65 फीसदी हिस्सा खरीफ सत्र का होता है। अधिकारी के मुताबिक खरीफ सत्र के दौरान कुल 1.50 करोड़ टन अनाज में से करीब 12.5 लाख टन अनाज बेमौसम बारिश के चलते बर्बाद हो गया। हालांकि रबी फसलों के लिए ऐसी स्थिति नहीं होने की उम्मीद है। रबी सत्र के दौरान प्याज की खेती में कमी के संकेत मिल रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्याज के दामों में अचानक आई तेजी के बावजूद प्याज की रबी फसल की बुआई में कमी आई है। राज्य में प्याज के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र नासिक में भी प्याज के रकबे में गिरावट की खबरें हैं। इसका कारण यह है कि खरीफ सत्र के दौरान बारिश की वजह से प्याज की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। इसके अलावा किसानों को प्याज की खेती के लिए पर्याप्त बीज भी नहीं मिल पा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि इस वजह से प्याज फसल की बुआई प्रभावित हो रही है। अधिकारी का कहना है, 'प्याज की खरीफ फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी थी और अब किसान इसकी हार्वेस्टिंग कर इसे बाजार में लाने की योजना बना रहे थे कि तभी बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बारिश के चलते प्याज की फसल तबाह हो गई और किसानों को भारी नुकसान हुआ। जबकि इस समय बाजार में प्याज के भाव ऊंचे होने से किसानों को इससे जबरदस्त मुनाफे की उम्मीद थी। (BS Hindi)
10 जनवरी 2011
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