बेंगलुरु January 05, 2011
कॉफी की एक खास किस्म रोबस्टा का घरेलू उत्पादन इस साल 20,000 से 25,000 टन के दायरे में रहने का अनुमान है। पिछले साल इसी अवधि में रोबस्टा का उत्पादन 35,000 टन रहा था। यानी पिछले साल की तुलना में इस साल रोबस्टा का उत्पादन करीब 28 फीसदी गिरने की आशंका है। बताया जा रहा है कि पिछले साल ज्यादा उत्पादन के चलते बाजार में रोबस्टा कॉफी की जरूरत से ज्यादा आपूर्ति हो गई थी जिससे अंतरराष्टï्रीय बाजारों में इस किस्म की कॉफी की कीमतों में भारी गिरावट आई थी। कीमत काफी कम मिलने की वजह से कॉफी किसानों ने इस बार रोबस्टा के उत्पादन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। कर्नाटक कॉफी उत्पादक संघ के अध्यक्ष सहदेव बालकृष्ण ने कहा, 'वर्ष 2009 में अंतरराष्टï्रीय बाजार में रोबस्टा कॉफी की कीमत 600 से 800 डॉलर प्रति टन (35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम) रही थी। लंदन बाजार में कॉफी का उत्पादन घटने की खबरों के चलते 2009 में इसकी कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ था। इसके चलते वर्ष 2010 में ज्यादातर कॉफी उत्पादकों ने रोबस्टा की ओर अपना रुख किया। परिणामस्वरूप पिछले साल किसानों ने इसकी जमकर खेती की और इसका उत्पादन बढ़कर 35,000 टन पहुंच गया। उत्पादन की अधिकता के चलते पिछले साल रोबस्टा की कीमतों में भारी गिरावट आई और यह घटकर 200 डॉलर प्रति टन (10 रुपये प्रति किलोग्राम) के स्तर पर आ गई थी। यह उत्पादकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। इसके चलते इस साल किसानों ने रोबस्टा के उत्पादन से मुंह मोड़ लिया।Ó उन्होंने कहा कि इस साल रोबस्टा का उत्पादन 25,000 टन से ज्यादा होने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है। रोबस्टा कॉफी के मामले में भारत वैश्विक बाजारों में आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है। भारतीय कॉफी बोर्ड के चेयरमैन जावेद अख्तर ने कहा, 'प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2011 में रोबस्टा कॉफी का उत्पादन 20,000 से 25,000 टन के बीच रहने का अनुमान है।Ó उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में इससे मिलने वाली कीमतों से तय होता है कि बाजार में इसकी मांग और उपलब्धता का स्तर क्या रहेगा। दरअसल अच्छी कीमत मिलने की स्थिति में ही कॉफी किसान इसके उत्पादन पर अधिक जोर देते हैं। चूंकि पिछले साल इसके दाम गिरकर काफी नीचे आ गए थे ऐसे में लोगों ने इस साल इसका उत्पादन काफी कम कर दिया है। कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2009 में भारत ने 18,000 टन रोबस्टा कॉफी का उत्पादन किया था। जबकि वर्ष 2010 में उत्पादन बढ़कर करीब 35,000 टन हो गया जिसमें से 32,500 टन रोबस्टा का निर्यात कर दिया गया था। अख्तर ने कहा कि वैश्विक बाजारों में पिछले साल जरूरत से ज्यादा रोबस्टा की आवक होने से इसके दामों में जबरदस्त गिरावट आई थी। इससे कॉफी उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ। कॉफी नियॉतक संघ के अध्यक्ष रमेश रंजन ने कहा, 'पिछले साल रोबस्टा के दामों में गिरावट का असर इस साल इसके उत्पादन पर दिखेगा। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल इसके दाम बेहतर रहने की संभावना है। फिर भी 2008 या 2009 के मूल्य स्तर पर पहुंच पाना मुश्किल है। 2008 में इसकी कीमत रिकॉर्ड 1,000 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई थी। इस साल रोबस्टा के दाम 500 डॉलर प्रति टन तक जाने का अनुमान है।Ó उन्होंने बताया कि रोबस्टा किस्म की कॉफी की सबसे ज्यादा मांग इटली और अन्य यूरोपीय देशों में है जबकि इन देशों को ज्यादातर रोबस्टा की आपूर्ति भारत करता है। (BS Hindi)
07 जनवरी 2011
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