नई दिल्ली January 30, 2011
ऐसा समझा जाता है कि प्याज की कीमतों में हुए भारी उतारचढ़ाव की जांच शुरू करने वाला भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) इस क्षेत्र में किसी संगठित सांठगांठ की मौजूदगी साबित करने में नाकाम रह सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दायरे में आए देश के प्रमुख थोक सब्जी बाजारों में अब तक ऐसी किसी सांठगांठ का पता नहीं चल पाया है। सीसीआई ने अपने सत्यापन विभाग को 7 जनवरी को कीमतों के रुख की जांच करने को कहा था, जब दिसंबर के आखिरी हफ्ते में प्याज की कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी।सीसीआई के अधिकारियों ने कहा कि इस जांच में प्याज कारोबार के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह वितरण की बाधा थी, उत्पादन में कमी के चलते ऐसा हुआ था या जमाखोरी या सांठगांठ ने कीमतों में बढ़ोतरी में योगदान दिया था।जांच करने का सीसीआई का फैसला ऐसे समय आया, जब विपक्षी दल केंद्र सरकार पर प्याज जैसी आवश्यक वस्तु की कीमतों पर लगाम कसने में नाकाम रहने का आरोप लगा रहे थे। एक अधिकारी ने कहा कि यह जांच कृषि उत्पादों के कारोबार में अनैतिक व गैर-प्रतिस्पर्धी व्यवहार पर लगाम कसने में प्रतिस्पर्धा कानून की भूमिका को सामने रखता है।यह पहला ऐसा मौका है जब आयोग (यह महज दो साल पहले पूरी तरह काम शुरू कर पाया है) ने कृषि उत्पाद में संभावित कार्टलाइजेशन की जांच के लिए कीमतों के रुख की जांच शुरू की है। प्रतिस्पर्धा कानून कार्टल को उत्पादकों, बिक्रेताओं, वितरकों, कारोबारियों के ऐसे एसोसिएशन के तौर पर पारिभाषित करता है जो समझौते के तहत किसी वस्तु या सेवाओं की बिक्री, वितरण, उत्पादन आदि पर नियंत्रण की बाबत आपस में सहमत हों।इस बीच, समाचार एजेंसी भाषा ने खबर दी है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अधिकारी प्याज की कीमतों में हाल में आई तेजी के मद्देनजर उसमें कारोबारियों की भूमिका की जांच के लिए अगले हफ्ते नासिक के थोक बाजार का दौरा करेंगे। सीसीआई सूत्रों ने कहा कि अगले हफ्ते किसी भी समय सीसीआई अधिकारी एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार लासलगांव का दौरा कर सकते हैं। सीसीआई अधिकारियों ने बताया - हमें पता चला है कि प्याज के दाम बढऩे से पूर्व कारोबारियों ने बैठक की और उसके बाद घोषणा की गई। यह स्पष्ट रूप से बड़े कारोबारियों के प्रभाव को दर्शाता है। अन्यथा इससे पहले किसी भी मांग एवं आपूर्ति अध्ययन में प्याज के दाम में इस तरह की इतनी तेजी नहीं देखी गई। सरकार ने 75 से 80 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंचे प्याज के दामों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए। उसके बाद सीसीआई ने 7 जनवरी को अपने महानिदेशक (जांच) को प्याज कारोबारियों के बीच सांठगांठ की जांच करने का आदेश दिया था। आयोग सूत्रों ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह जांच का विषय लगता है। इसके बाद महानिदेशक को 45 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया। (BS Hindi)
31 जनवरी 2011
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