भोपाल December 31, 2010
तंजानिया से आ रही सस्ती तुअर के कारण मध्य प्रदेश की तुअर दालों की मांग पर असर पड़ रहा है। मिलों से लेकर दूसरे राज्यों तक में प्रदेश की तुअर की मांग का सन्नाटा पसरा हुआ है। तंजानिया की तुअर दाल अपेक्षाकृत 600 से लेकर 800 रुपये प्रति क्विंटल तक सस्ती है, वहीं खड़ी तुअर भी देसी तुअर की तुलना में 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे के दामों पर बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हो रही है। ऐसे में पिछले 1-2 महीनों में प्रदेश से जाने वाली दालों में 40 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है।इंदौर के दाल निर्यातक पंकज कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि तंजानिया की साटैक्स मोटी तुअर की भारत में भारी मांग बनी हुई है। देसी तुअर से सस्ती होने के चलते प्रदेश की दालों को प्रदेश की मिलों का भी सहारा भी नहीं मिल पा रहा है। कई जगह तो देसी तुअर तंजानिया की तुलना में 1,000 रुपये तक मंहगी है। ऐसे में देसी तुअर के दाम कम किये जाने पर भी मांग में उछाल की संभावना न के बराबर ही है। दाम ज्यादा कम किये जाने से किसानों और व्यापारियों को भी नुकसान सहना पड़ेगा।प्रदेश से हर साल काफी मात्रा तुअर दाल गुजरात और अन्य राज्यों को जाती है। हालांकि इस साल तंजानिया की तुअर के चलते दूसरे राज्यों से तुअर की मांग देखने को नहीं मिल रही है। प्रदेश की दाल मिलों में भी तंजानिया की तुअर से दाल बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में अगले सत्र में तुअर की दाल को पैदा करने में किसानों की रुचि कम होने की बात कही जा रही है।तुअर दाल उत्पादक किसान सुनील मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को दालों की बेहतर कीमत दिये जाने से इस साल दालों के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि दूसरे राज्यों के साथ ही अपने राज्यों में देसी दाल को हतोत्साहित होना पड़ रहा है। इस साल गुजरात जैसे राज्यों की मिलों से भी मांग न के बराबर है।देश भर में मध्यप्रदेश, महाराष्टï्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भारी मात्रा में तुअर दाल का उत्पादन किया जाता है। मध्यप्रदेश में देश भर का लगभग 25 फीसदी दाल उत्पादन किया जाता है। साथ ही देश को लगभग 20 फीसदी तुअर उत्पादन भी मध्य प्रदेश में ही होता है। प्रदेश में मुख्यत: छिंदवाड़ा, भिंड, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, धार, ग्वालियर, मुरैना, टीकमगढ़ और भोपाल जिलों में तुअर की पैदावार है। वर्ष 2008-09 में प्रदेश में 2.6 लाख टन तुअर का उत्पादन किया गया था, जोकि इससे पहले वाले वर्ष की तुलना में अधिक था। वर्ष 2007-08 में प्रदेश में 2.2 लाख टन तुअर की पैदावार दर्ज की गयी थी। इस वर्ष भी पैदावार में बढ़ोतरी के आसार बनते दिख रहे हैं। प्रदेश के साथ ही अधिकतर तुअर उत्पादक राज्यों में इस साल उत्पादन बढऩे के अनुमान लगाये जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2010-11 में देश में तुअर दाल में बढ़ोतरी की उम्मीद है। बढ़ोतरी के साथ इस वर्ष उत्पादन 53 लाख टन होने की बात कही गयी है। वर्ष 2009-10 में 43 लाख टन और 2008-09 में 46.9 लाख टन तुअर दाल का उत्पादन हुआ था। (BS Hindi)
01 जनवरी 2011
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