मुंबई January 20, 2011
खाद्य महंगाई की लगातार चढ़ाई में अभी तक सिर्फ सब्जियों का ही रोना रोया जा रहा है। जल्द ही दालें भी खाद्य महंगाई में और आग लगा सकती हैं। दरअसल इस साल बेहतर रकबे के बावजूद ठंड और पाले ने लगभग 20 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचाया है जिसका असर दलहन के भाव पर पडऩा तय लग रहा है। रिकॉर्डतोड़ ठंड ने बेहतर फसल अनुमान को गड़बड़ा दिया है। प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में पाला पडऩे की वजह से काफी नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है। राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में भी दलहन फसल प्रभावित होने के संकेत मिल रहे हैं। इस सीजन की सबसे प्रमुख दलहन फसल अरहर (तुअर) पर पाले का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। करीब 25 फीसदी फसल नष्टï होने की आशंका जताई जा रही है। फसल खराब होने के अलावा इसकी वजह से फसल तैयार होने में भी देरी हो सकती है। जिसका असर दालों की कीमत पर नजर भी आ रहा है। जनवरी में इनकी कीमतों में तकरीबन 3,00 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जानकारों का मानना है कि शादी विवाह का सीजन होने की वजह से भी दालों की मांग बढ़ गई है। ऐंजल ब्रोकिंग की वेदिका नार्वेकर कहती हैं, 'पाले और बारिश की वजह से फसल खराब होने की बात की जा रही है। हालांकि कोई स्पष्ट सरकारी रिपोर्ट नहीं आई है। इसके बावजूद फसल खराब होने की अटकलें तेज हैं। 20 से 40 फीसदी फसल खराब होने की आशंका लगाई जा रही है जिससे कीमतों में तेजी दिख रही है।Óनार्वेकर का कहना है कि मौजूदा मांग और फसल आने में देरी को देखते हुए अभी दलहन फसलों में 250-300 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी आ सकती है। दलहन कारोबार के जानकार मेहुल अग्रवाल कहते हैं कि 5 से 10 फीसदी से ज्यादा फसल खराब नहीं हुई है लेकिन इसे बढ़ा-चढ़ा पेश कर सटोरिये भाव चढ़ा रहे हैं क्योंकि अभी फसल आने में लगभग दो महीने का समय है।मौजूदा वर्ष (2010-11) में 168 लाख टन दाल उत्पादन का सरकारी लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि इस साल दलहन का रकबा पिछले साल के 136.93 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 145 लाख हेक्टेयर बताया जा रहा है। देश में करीब 10 फीसदी दलहन उत्पादन करने वाले कर्नाटक में दिसंबर में हुई बारिश और बीमारियों से फसल को काफी नुकसान हुआ है। अरहर यहां की प्रमुख दलहन फसल है। कड़ाके की ठंड पडऩे से राजस्थान में भी दलहन फसलों पर प्रतिकूल असर की खबर है। (BS Hindi)
21 जनवरी 2011
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