नई दिल्ली January 19, 2011
मांग घटने का असर गुड़ की कीमतों पर देखा जा रहा है। इस माह गुड़ के दाम 8 फीसदी तक गिर चुके हैं। कारोबारियों का कहना है कि मकर संक्रांति बीत जाने के बाद गुड़ की मांग कम हो गई है। दरअसल इस त्योहार पर ही गुड़ की सबसे अधिक मांग रहती है। सबसे अधिक गिरावट एशिया की सबसे बड़ी मंडी मुजफ्फनगर के गुड़ बाजार में आई है, जिससे कारोबारी परेशान हैं। मुजफ्फरनगर में 25 फीसदी से अधिक कोल्हू बंद पड़े हैं। इस मंडी में गिरावट की बड़ी वजह दूसरे राज्यों से मांग में भारी गिरावट आना है।फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि मकर संक्रांति त्योहार बीतने के बाद देश भर में गुड़ की मांग कमजोर पड़ गई है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के गुड़ कारोबारियों के लिए मध्य प्रदेश और गुजरात के बड़े बाजारों से मांग में भारी गिरावट आई है। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश (एमपी)में गुड़ का उत्पादन अधिक हो रहा है। साथ ही वहां गन्ना सस्ता होने से गुड़ के दाम भी कम है। एमपी में गुड़ के दाम यूपी के 2060-2300 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 1800-2000 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में वहां के कारोबारी उत्तर प्रदेश से गुड़ नहीं खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इसी तरह गुजरात की सूरत मंडी गुड़ के दाम यूपी 200 रुपये प्रति क्विंटल कम है। साथ ही वहां गुड़ का उत्पादन भी अधिक है, जिससे उत्तर प्रदेश के गुड़ की मांग कम है। बकौल खंडेलवाल मांग घटने से मुजफ्फनगर मंडी में इस माह गुड़ के दाम 200-250 रुपये घटकर 2060-2300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। मकर संकांति की मांग घटने से महाराष्टï्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में भी गुड़ की कीमतों में 5 से 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। गुड़ कारोबारी हरीशंकर मूंदड़ा भी गुड़ की कीमतों में गिरावट की बात से इत्तेफाक रखते हैं। वे बताते है कि इस साल बाजार में स्टॉकिस्ट कम दिलचस्पी ले रहे हैं। इसकी वजह उन्हे पिछले साल नुकसान होना है। खंडेलवाल इस संबंध में बताते है कि पिछले साल कारोबारी और स्टॉकिस्टों ने पहले ऊंचे भाव पर गुड़ खरीदा था, लेकिन बाद में भाव काफी गिर गए थे। ऐसे में नुकसान होने से इस बार अभी तक 4.11 लाख कट्टïे(40 किलोग्राम) गुड़ का स्टॉक हुआ है, पिछले साल यह आंकड़ा 8.97 लाख कट्टïा था। मूंदड़ा का कहना है कि गुड़ का उठाव कम होने के कारण मुजफ्फरनगर के करीब 5000 हजार कोल्हू में से 25 फीसदी कोल्हू बंद हो चुके हैं। गन्ने का रकबा बढऩे से देश में गुड़ उत्पादन का उत्पादन पिछले साल के 90 लाख कट्टïों से बढ़कर 1.05 करोड़ कट्टïा होने का अनुमान है।आने वाले दिनों में गुड़ की कीमतों के बारे में खंडेलवाल का कहना है कि आगे भी गुड़ की कीमतों में तेजी के आसार नहीं है, बल्कि गर्मियों में मांग और घटने पर गिरावट संभव है। (BS Hindi)
21 जनवरी 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें