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06 जनवरी 2010

मूल्य वृद्धि की रफ्तार में गुड़ पिछड़ गया चीनी से

चीनी के दाम सीजन होने के बावजूद काफी तेजी से बढ़ रहे हैं जबकि मूल्य वृद्धि की रफ्तार में गुड़ पिछड़ गया है। ऊंचे भाव पर गुड़ की खपत कम होने के कारण इसके दाम चीनी के मुकाबले कम बढ़े हैं। पिछले पंद्रह दिनों में जहां चीनी की कीमतों में 600-700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर उत्तर प्रदेश में एक्स-फैक्ट्री दाम 4000-4300 रुपये प्रति क्विंटल हो गये वहीं गुड़ की कीमतों में इस दौरान मात्र 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 2700-2800 रुपये प्रति क्विंटल हुए हैं। चालू सीजन में गुड़ के मुकाबले चीनी की कीमतों का अंतर 1300-1500 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है। गुड़ के दाम कम बढ़ने के कारण लगातार महंगे होते गन्ने से कोल्हू संचालकों के मुनाफे पर दबाव बढ़ गया है। फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बताया कि पीक सीजन होने के बावजूद चीनी की कीमतों में भारी तेजी का रुख बना हुआ है। पिछले पंद्रह दिनों में चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतों में 600-700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 4000-4300 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर हो गए है जबकि इस दौरान गुड़ की कीमतों में मात्र 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। मौसम खराब होने और मकर-संक्रांति की मांग निकलने से गुड़ के दाम बढ़े हैं। मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ चाकू के भाव 2700-2800 रुपये प्रति 40 किलो चल रहे हैं।खंडेलवाल ने बताया कि मौसम खराब होने से मंडी में गुड़ की दैनिक आवक घटकर 6-7 हजार कट्टों (एक कट्टा 40 किलो) की रह गई है। प्रमुख उत्पादक मंडी मुजफ्फरनगर में अभी तक करीब आठ लाख कट्टों का स्टॉक हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मात्र 1।51 लाख कट्टों का ही स्टॉक हुआ था। अत: मौसम साफ होने के बाद गुड़ की कीमतों में स्थिरता आने की संभावना है। मैसर्स देशराज राजेंद्र कुमार के प्रोपराइटर देशराज ने बताया कि चीनी मिलों द्वारा गन्ने का दाम बढ़ाकर 220-225 रुपये प्रति क्विंटल कर देने से कोल्हू संचालकों पर भी गन्ने का दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। कोल्हू संचालक किसानों से गन्ने की खरीद 235-240 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं। एक क्विंटल गन्ने से कोल्हू संचालक को मात्र 7.5 से 8 किलो गुड़ का उत्पादन होता है। इसमें लेबर के खर्च जोड़ने के बाद कोल्हू संचालकों को गुड़ के वर्तमान भाव में घाटा ही उठाना पड़ रहा है। इसलिए कोल्हू संचालकों ने गन्ने की खरीद पहले की तुलना में कम कर दी है। वैसे भी उत्पादक मंडियों में गुड़ का स्टॉक ज्यादा होने के कारण स्टॉकिस्टों की मांग कम आ रही है। ऐसे में मौसम साफ होने के बाद गुड़ की कीमतों में स्थिरता की ही उम्मीद है। मकर-संक्रांति के बाद वैसे भी गुड़ में मांग कम हो जाती है। दिल्ली थोक बाजार में गुड़ चाकू का भाव 2800-2900 रुपये और पेड़ी का 2950-3000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।चीनी के दाम नए रिकार्ड पर पहुंचेनई दिल्ली। पीक सीजन होने के कारण घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ने के बावजूद दिल्ली के थोक बाजार में मंगलवार को एम ग्रेड चीनी के दाम बढ़कर 4225 रुपये और एस ग्रेड के 4150 रुपये तथा आयातित चीनी के 4200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान उत्तर प्रदेश में एम ग्रेड चीनी के एक्स-फैक्ट्री दाम बढ़कर 4150 रुपये और एस ग्रेड के 3950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि ऊंचे भाव के कारण मांग काफी कमजोर बनी हुई है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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