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05 जनवरी 2010

नई फसल आने से लाल मिर्च में और गिरावट संभव

आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की पैदावार में 25 फीसदी बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले साल आंध्र प्रदेश में एक करोड़ बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) लाल मिर्च की पैदावार हुई थी जबकि चालू सीजन में पैदावार बढ़कर 1.25 करोड़ बोरी होने की संभावना है। नई फसल की आवक शुरू होने और निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग कमजोर होने से पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब 200-250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। चालू महीने के आखिर में दैनिक आवक का दबाव तो बनेगा ही साथ ही बकाया स्टॉक होने से स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी बढ़ेगी जिससे मौजूदा कीमतों में और भी 10-15 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है।लालमिर्च के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम के कारण नई फसल का उत्पादन बढ़कर 1.25 करोड़ बोरी होने की संभावना है। जबकि इस समय करीब सात-आठ लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। गुंटूर में नई फसल की तीन-चार हजार बोरी की आवक शुरू हो गई है। अत: नई फसल को देखते हुए बांग्लादेश, श्रीलंका और इंडोनेशिया के आयातकों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। घरेलू बाजार में भी मसाला निर्माताओं की मांग कमजोर बनी हुई है जिससे गिरावट को बल मिला है।नवंबर महीने में भारत से लाल मिर्च का निर्यात 56 फीसदी बढ़ा है लेकिन चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात कम रहा है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार नवंबर महीने में भारत से 17,500 टन लाल मिर्च का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल नवंबर महीने में 11,250 टन का ही निर्यात हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के दौरान इसके निर्यात में 6.6 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल निर्यात 125,750 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 134,750 टन का हुआ था।गुंटूर मंडी में लालमिर्च की कीमतों में 200-250 रुपये की गिरावट आकर शनिवार को 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5,400-5,800 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 6,000-6,500 रुपये, तेजा क्वालिटी के भाव 6,000- 6,500 रुपये और फटकी क्वालिटी के 2,000-3,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस समय नई मिर्च में तेजा और ब्याडगी क्वालिटी ही आ रही है तथा इनके भाव नीचे में 4500 और ऊपर में 6200 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी के अनुसार चल रहे हैं। चालू महीने के आखिर तक दैनिक आवक का दबाव बनने पर मौजूदा कीमतों में करीब 10-15 फीसदी की और गिरावट आने की संभावना है। हाजिर बाजार में आई गिरावट के कारण वायदा बाजार में भी पिछले दस दिनों में लाल मिर्च की कीमतें 5.2 फीसदी घटी है। 22 दिसंबर को फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में लाल मिर्च का भाव 5629 रुपये प्रति क्विंटल थे जोकि शनिवार को घटकर 5331 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पैदावार में बढ़ोतरी के कारण निवेशकों की मुनाफावसूली से दाम घटे हैं। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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