बेंगलुरु March 17, 2009
वर्तमान वित्त वर्ष में काजू गिरी के निर्यात में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
काजू का उत्पादन करने वाले ब्राजील, वियतनाम और पूर्वी अफ्रीकी देशों में इस साल फसल का उत्पादन कम हुआ और भारत के निर्यात में प्रति यूनिट कमाई के लिहाज से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अगर हम मूल्य के आधार पर देखें तो इस वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में फरवरी के अंत तक इसका कुल निर्यात 2,719.79 करोड़ रुपये का हुआ है। इसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 33.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अगर हम वर्तमान में हुए निर्यात के संकेतों के आधार पर देखें तो इस वित्त वर्ष के अंत तक निर्यात का आंकड़ा 3,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा, जो अब तक हुए कुल निर्यात के हिसाब से उच्चतम रिकॉर्ड होगा। इससे पहले काजू निर्यात का रिकॉर्ड 2004-05 में बना था, जब कुल निर्यात 2709 करोड़ रुपये का हुआ था।
बहरहाल अगर हम मात्रा के लिहाज से देखें तो इस साल 99,348 टन काजू का निर्यात किया गया और इसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कुल निर्यात में 3.6 प्रतिशत की कमी आई है।
भारत के काजू निर्यातकों की कमाई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में प्रति यूनिट के हिसाब से 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और उन्होंने औसतन 274 रुपये प्रति किलो के हिसाब से काजू का निर्यात किया है।
बेंगलुरु स्थित निर्यातक कंपनी एकल कैश्यू के प्रबंध निदेशक और कैश्यू एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (सीईपीसीआई) के पूर्व उपाध्यक्ष गिरिधर प्रभु ने कहा, 'साल 2008 काजू के कारोबार के लिहाज से बहुत बढ़िया रहा।
कैलेंडर वर्ष 2007 में काजू की खपत में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई और अनुमान लगाया जा रहा है कि 2008 में यही इतिहास दोहराया जाएगा। ब्राजील और इंडोनेशिया में काजू की पैदावार में कमी आने की वजह से बाजार धारणा पर असर पड़ा। इस समय वैश्विक बाजार उत्साहजनक है और कीमतें इसी लिहाज से बढ़ी हैं।
इसे देखते हुए काजू का निर्यात मूल्य के आधार पर बढ़ा है।' भारत की काजू प्रसंस्करण इकाइयां मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और गोवा में हैं। ये इकाइयां बड़े पैमाने पर कच्चे काजू के आयात पर निर्भर हैं। इन्होंने कुल 2,557.49 करोड़ रुपये के 589,103 टन काजू का आयात किया। (BS Hindi)
18 मार्च 2009
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