दक्षिण पश्चिम मॉनसून धीरे-धीरे जुलाई जैसे महत्वपूर्ण माह की तरफ बढ़ रहा
है, लिहाजा हर किसी की निगाहें अगले 10-15 दिनों में भारत में होने वाली
इसकी प्रगति पर टिकी होंगी।
विशेषज्ञों ने कहा कि खरीफ की मुख्य फसलों मसलन धान, सोयाबीन, मूंगफली और दलहन की बुआई व उत्पादन इस पर निर्भर करेगा कि अगले 10-15 दिनों में किस तरह की बारिश होती है। सामान्य तौर पर चार महीने लंबी मॉनसून अवधि में जुलाई काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन देश के ज्यादातर इलाकों में बारिश में हुई करीब 10 दिन की देरी को देखते हुए अगले कुछ दिन काफी महत्वपूर्ण होंगे।
भारतीय मौसम विभाग ने हालांकि आधिकारिक रूप से उम्मीद जताई है कि आने वाले हफ्तों में बारिश में सुधार देखने को मिलेगा और 22 जून तक यह धान की बुआई वाले मुख्य इलाके पूर्वी भारत तक पहुंच जाएगा। लेकिन अब तक बारिश की स्थिति को देखते हुए ज्यादातर विशेषज्ञ कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। (BS HIndi)
विशेषज्ञों ने कहा कि खरीफ की मुख्य फसलों मसलन धान, सोयाबीन, मूंगफली और दलहन की बुआई व उत्पादन इस पर निर्भर करेगा कि अगले 10-15 दिनों में किस तरह की बारिश होती है। सामान्य तौर पर चार महीने लंबी मॉनसून अवधि में जुलाई काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन देश के ज्यादातर इलाकों में बारिश में हुई करीब 10 दिन की देरी को देखते हुए अगले कुछ दिन काफी महत्वपूर्ण होंगे।
भारतीय मौसम विभाग ने हालांकि आधिकारिक रूप से उम्मीद जताई है कि आने वाले हफ्तों में बारिश में सुधार देखने को मिलेगा और 22 जून तक यह धान की बुआई वाले मुख्य इलाके पूर्वी भारत तक पहुंच जाएगा। लेकिन अब तक बारिश की स्थिति को देखते हुए ज्यादातर विशेषज्ञ कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। (BS HIndi)
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