आर.एस. राणा नई दिल्ल
ईजीओएम की मंजूरी मिलने पर ही सस्ते भाव पर गेहूं की बिक्री होगी
नया प्रस्ताव
चालू सीजन का गेहूं 1,285 रुपये और पिछले सीजन का गेहूं 1,170 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर बेचने की सिफारिश की गई है। उत्पादक राज्य पंजाब, हरियाणा व मध्य प्रदेश के साथ दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में फ्लोर मिलों को समान मूल्य पर गेहूं मिलेगा।
मौजूदा व्यवस्था
वर्तमान में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य एमएसपी के साथ 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़कर तय किया जाता है। गेहूं का बिक्री मूल्य तय करने के लिए लुधियाना से राज्य की राजधानी तक का 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़ा जाता है।
गेहूं के भारी-भरकम स्टॉक को कम करने के लिए खाद्य मंत्रालय हरसंभव कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में मंत्रालय ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री फ्लोर मिलों को उत्पादक राज्यों के साथ ही गैर-उत्पादक राज्यों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने की योजना बनाई है। हालांकि इसका फैसला खाद्य मामलों पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में होगा। अगर यह फैसला होता है तो सरकार पूरी परिवहन खर्च खुद वहन करेगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलों को एमएसपी पर गेहूं बिक्री करने की योजना है। फ्लोर मिलों को चालू विपणन सीजन 2012-13 का गेहूं 1,285 रुपये और विपणन सीजन 2011-12 का गेहूं 1,170 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के बराबर मूल्य पर बिक्री करने की सिफारिश की गई है।
इसके बारे में अंतिम फैसला आगामी ईजीओएम की बैठक में होगा। उन्होंने बताया कि उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों के साथ ही दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु की फ्लोर मिलों को एक ही दाम पर गेहूं मिलेगा। इससे केंद्रीय पूल से गेहूं का उठाव बढऩे की संभावना है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य एमएसपी के साथ 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़कर तय किया जाता है। गेहूं का बिक्री मूल्य तय करने के लिए लुधियाना से राज्य की राजधानी तक का 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़ा जाता है। नई योजना के तहत परिवहन का भार सरकार उठाएगी और मिलों को एमएसपी पर गेहूं की बिक्री की जाएगी।
चालू वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ओएमएसएस के तहत 30 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त आवंटन करने की योजना है। यह आवंटन पहले से आवंटित 5.05 लाख टन के अलावा होगा।
केंद्रीय पूल में पहली जून को 750 लाख टन से ज्यादा खाद्यान्न का स्टॉक था, जबकि खरीद अभी भी चल रही है। ऐसे में केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक अनुमान से कहीं ज्यादा होगा।
चालू रबी विपणन सीजन के लिए खाद्य मंत्रालय ने 318 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था। जबकि अभी तक 353 लाख टन से ज्यादा गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। जबकि खाद्यान्न के कुल स्टॉक के मुकाबले भंडारण क्षमता कम है जबकि पहली अक्टूबर से खरीफ विपणन सीजन में धान की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में गेहूं का रिकॉर्ड 902.3 लाख टन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
ईजीओएम की मंजूरी मिलने पर ही सस्ते भाव पर गेहूं की बिक्री होगी
नया प्रस्ताव
चालू सीजन का गेहूं 1,285 रुपये और पिछले सीजन का गेहूं 1,170 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर बेचने की सिफारिश की गई है। उत्पादक राज्य पंजाब, हरियाणा व मध्य प्रदेश के साथ दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में फ्लोर मिलों को समान मूल्य पर गेहूं मिलेगा।
मौजूदा व्यवस्था
वर्तमान में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य एमएसपी के साथ 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़कर तय किया जाता है। गेहूं का बिक्री मूल्य तय करने के लिए लुधियाना से राज्य की राजधानी तक का 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़ा जाता है।
गेहूं के भारी-भरकम स्टॉक को कम करने के लिए खाद्य मंत्रालय हरसंभव कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में मंत्रालय ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री फ्लोर मिलों को उत्पादक राज्यों के साथ ही गैर-उत्पादक राज्यों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने की योजना बनाई है। हालांकि इसका फैसला खाद्य मामलों पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में होगा। अगर यह फैसला होता है तो सरकार पूरी परिवहन खर्च खुद वहन करेगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलों को एमएसपी पर गेहूं बिक्री करने की योजना है। फ्लोर मिलों को चालू विपणन सीजन 2012-13 का गेहूं 1,285 रुपये और विपणन सीजन 2011-12 का गेहूं 1,170 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के बराबर मूल्य पर बिक्री करने की सिफारिश की गई है।
इसके बारे में अंतिम फैसला आगामी ईजीओएम की बैठक में होगा। उन्होंने बताया कि उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों के साथ ही दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु की फ्लोर मिलों को एक ही दाम पर गेहूं मिलेगा। इससे केंद्रीय पूल से गेहूं का उठाव बढऩे की संभावना है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य एमएसपी के साथ 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़कर तय किया जाता है। गेहूं का बिक्री मूल्य तय करने के लिए लुधियाना से राज्य की राजधानी तक का 50 फीसदी परिवहन लागत जोड़ा जाता है। नई योजना के तहत परिवहन का भार सरकार उठाएगी और मिलों को एमएसपी पर गेहूं की बिक्री की जाएगी।
चालू वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ओएमएसएस के तहत 30 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त आवंटन करने की योजना है। यह आवंटन पहले से आवंटित 5.05 लाख टन के अलावा होगा।
केंद्रीय पूल में पहली जून को 750 लाख टन से ज्यादा खाद्यान्न का स्टॉक था, जबकि खरीद अभी भी चल रही है। ऐसे में केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक अनुमान से कहीं ज्यादा होगा।
चालू रबी विपणन सीजन के लिए खाद्य मंत्रालय ने 318 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था। जबकि अभी तक 353 लाख टन से ज्यादा गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। जबकि खाद्यान्न के कुल स्टॉक के मुकाबले भंडारण क्षमता कम है जबकि पहली अक्टूबर से खरीफ विपणन सीजन में धान की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में गेहूं का रिकॉर्ड 902.3 लाख टन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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