भारतीय लाल मिर्च चीन से सस्ती होने के कारण निर्यात सुधरा
निर्यातकों की मांग से लाल मिर्च की कीमतों में सुधार आने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन के मुकाबले भारतीय लाल मिर्च सस्ती होने के कारण निर्यात मांग में पहले की तुलना में तेजी आई है। गर्मी ज्यादा होने के कारण लाल मिर्च की प्रमुख मंडी गुंटूर 6 जून के बजाय 11 जून को खुलेगी।
निर्यातक फर्म अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय लाल मिर्च का दाम 1.45 डॉलर प्रति किलो है जबकि चीन की लाल मिर्च का दाम 1.82 डॉलर प्रति किलो है। कीमतों में अंतर होने के कारण भारतीय लाल मिर्च की मांग बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और खाड़ी देशों के साथ-साथ यूरोप में बढ़ी है। इससे आगामी दिनों में घरेलू बाजार में लाल मिर्च के दाम सुधरने की संभावना है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में 17 फीसदी की कमी आई है।
इस दौरान 169,500 टन लाल मिर्च का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 205,000 टन का निर्यात हुआ था। गुंटूर चिली मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक कोठारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश में चालू सीजन में लाल मिर्च की बुवाई में बढ़ोतरी हुई थी जबकि मौसम भी फसल के अनुकूल रहा था। इसीलिए पैदावार पिछले साल के 1.90 करोड़ बोरी (एक बोरी-40 किलो) से बढ़कर 2.10 करोड़ बोरी होने का अनुमान है।
लाल मिर्च के थोक कारोबारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बताया कि कोल्ड स्टोर के स्टॉक में तेजा क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 5,600 से 6,800 रुपये और 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 4,200 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। फटकी क्वालिटी का भाव 2,000 से 2,5,00 रुपये प्रति क्विंटल है। (Business Bhaskar)
निर्यातकों की मांग से लाल मिर्च की कीमतों में सुधार आने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन के मुकाबले भारतीय लाल मिर्च सस्ती होने के कारण निर्यात मांग में पहले की तुलना में तेजी आई है। गर्मी ज्यादा होने के कारण लाल मिर्च की प्रमुख मंडी गुंटूर 6 जून के बजाय 11 जून को खुलेगी।
निर्यातक फर्म अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय लाल मिर्च का दाम 1.45 डॉलर प्रति किलो है जबकि चीन की लाल मिर्च का दाम 1.82 डॉलर प्रति किलो है। कीमतों में अंतर होने के कारण भारतीय लाल मिर्च की मांग बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और खाड़ी देशों के साथ-साथ यूरोप में बढ़ी है। इससे आगामी दिनों में घरेलू बाजार में लाल मिर्च के दाम सुधरने की संभावना है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में 17 फीसदी की कमी आई है।
इस दौरान 169,500 टन लाल मिर्च का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 205,000 टन का निर्यात हुआ था। गुंटूर चिली मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक कोठारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश में चालू सीजन में लाल मिर्च की बुवाई में बढ़ोतरी हुई थी जबकि मौसम भी फसल के अनुकूल रहा था। इसीलिए पैदावार पिछले साल के 1.90 करोड़ बोरी (एक बोरी-40 किलो) से बढ़कर 2.10 करोड़ बोरी होने का अनुमान है।
लाल मिर्च के थोक कारोबारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बताया कि कोल्ड स्टोर के स्टॉक में तेजा क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 5,600 से 6,800 रुपये और 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 4,200 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। फटकी क्वालिटी का भाव 2,000 से 2,5,00 रुपये प्रति क्विंटल है। (Business Bhaskar)
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