वैश्विक अर्थव्यस्था में अस्थिरता से सोने की कीमतों में मजबूती बनी हुई
है। इस कारण खरीदार भले ही नदारद हों लेकिन पुराना सोना बेचने वाले निकल
पड़े हैं। कारोबारियों को लगता है कि इस बार पुराने सोने की बिक्री पिछले
साल से दोगुनी होगी। मुंबई के जवेरी बाजार में ज्वैलरों के यहां ग्राहकोंं
की संख्या आम दिनों से ज्यादा नजर आ रही है लेकिन यह खरीदारों की नहींं
बल्कि पुराना सोना बेचने वालों की भीड़ होती है। लोगों को लगता है कि आने
वाले समय में सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है क्योंकि सोने की मांग
धीरे धीरे कमजोर पड़ रही है।
मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कुमार जैन के अनुसार बाजार में खरीदार बिलकुल नहीं है। बारिश के साथ ग्राहकी और कम हो जाएगी। बाजार में रोजाना आने वाले पुराने सोने का सही आंकड़ा तो बताना मुश्किल होगा लेकिन पिछले साल की अपेक्षा दोगुनी रफ्तार से बिकवाल आ रहे हैं।
बाम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी कहते हैं कि बाजार में अस्थिरता का माहौल है जिसके चलते पैसों की कमी है। शेयर बाजार से भी निवेशक निराश हैं। कोठारी को उम्मीद है कि इस साल पुराने सोने की बिक्री 400 टन तक हो सकती है जबकि पिछले साल 130 टन पुराने सोने की बिक्री हुई थी।
घरेलू और वैश्विक स्तर पर सोने की मांग कमजोर रहने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। साल भर में में सोने की कीमतों में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। एक साल पहले सोना 22300 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास था जो इस समय 30 हजार रुपये को पार कर चुका है। जबकि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें घटी हैं।
बुलियन कारोबार के जानकार मोहित के अनुसार घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह डॉलर का मजबूत होना है। लेकिन कारोबारी डॉलर की मौजूदा कीमत को वास्ताविक नहीं मान रहे हैं। बाजार में धारणा है कि डॉलर कमजोर हुआ तो सोना भी सस्ता होगा। (BS Hindi)
मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कुमार जैन के अनुसार बाजार में खरीदार बिलकुल नहीं है। बारिश के साथ ग्राहकी और कम हो जाएगी। बाजार में रोजाना आने वाले पुराने सोने का सही आंकड़ा तो बताना मुश्किल होगा लेकिन पिछले साल की अपेक्षा दोगुनी रफ्तार से बिकवाल आ रहे हैं।
बाम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी कहते हैं कि बाजार में अस्थिरता का माहौल है जिसके चलते पैसों की कमी है। शेयर बाजार से भी निवेशक निराश हैं। कोठारी को उम्मीद है कि इस साल पुराने सोने की बिक्री 400 टन तक हो सकती है जबकि पिछले साल 130 टन पुराने सोने की बिक्री हुई थी।
घरेलू और वैश्विक स्तर पर सोने की मांग कमजोर रहने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। साल भर में में सोने की कीमतों में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। एक साल पहले सोना 22300 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास था जो इस समय 30 हजार रुपये को पार कर चुका है। जबकि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें घटी हैं।
बुलियन कारोबार के जानकार मोहित के अनुसार घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह डॉलर का मजबूत होना है। लेकिन कारोबारी डॉलर की मौजूदा कीमत को वास्ताविक नहीं मान रहे हैं। बाजार में धारणा है कि डॉलर कमजोर हुआ तो सोना भी सस्ता होगा। (BS Hindi)
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