अमेरिका के अनुमान से ज्यादा खराब आर्थिक आंकड़ों के चलते दुनिया की सबसे
बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार पर संदेह के बादल नजर आते ही निवेशकों
ने सुरक्षा के लिहाज से सोने का रुख कर लिया है। ऐसे में महीनों तक स्थिरता
के दौर से गुजरने वाले सोने ने निवेश के सुरक्षित ठिकाने का दर्जा हासिल
कर लिया और इस तरह से तेजी के दौर में प्रवेश कर गया।
शुक्रवार सुबह अमेरिकी रोजगार के आंकड़े घोषित होने के बाद कारोबारियों को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व की तरफ से अतिरिक्त मात्रात्मक वित्तीय सहजता (क्यूई-3) जल्द ही आ सकती है।
मुंबई में बेंचमार्क जावेरी बाजार में सोना स्टैंडर्ड शनिवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और 29,895 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। शनिवार को सोने में एक दिन पहले के 29,005 रुपये प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 3 फीसदी यानी 890 रुपये की तेजी दर्ज की गई। शुद्ध सोना भी एक दिन पहले के 29,135 रुपये प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 30,030 रुपये पर बंद हुआ। ऐसे में चांदी कहां पीछे रहने वाली थी और इसने भी दौड़ लगाते हुए 2 फीसदी की बढ़त के साथ 54,750 रुपये प्रति किलोग्राम का स्तर हासिल कर लिया। हालांकि ऊंचे भाव पर खरीदारों ने खरीद से परहेज किया।
अमेरिका में जारी उम्मीद से कमजोर आंकड़ों से डॉलर में भारी निवेश कर चुके निवेशकों का नजरिया बदला और वे सोने की तरफ बढ़े, जो वैश्विक संकट के समय सुरक्षित विकल्प साबित हुआ था। अब डॉलर से निवेश निकलकर सोने की तरफ जा रहा है।
कॉमट्रेड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा - इसके परिणामस्वरूप कीमती धातु में निकट भविष्य में बढ़त जारी रहेगी और वैश्विक बाजार में यह 1700 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच जाएगी, इस नजरिये से देश में इसका भाव 31,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होने की संभावना है।
न्यू यॉर्क मर्र्केंटाइल एक्सचेंज के कॉमेक्स डिविजन में सोने का अगस्त अनुबंध 53.50 डॉलर बढ़कर 1617.70 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच गया। कारोबार का दायरा 1545.50 डॉलर से 1619.30 डॉलर प्रति आउंस रहा।
पिछले महीने अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार में महज 69,000 की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जो 1,51,000 के पूर्वानुमान के मुकाबले से काफी नीचे है। ये चीजें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की बाबत सवाल खड़े करती है। बेरोजगारी के आंकड़ों में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 8.2 फीसदी पर पहुंच गया जबकि मार्च का आंकड़ा पूर्व के 1.15 लाख के मुकाबले संशोधित कर 77,000 कर दिया गया था।
अब विश्लेषकों ने मजबूती के साथ इसकी वकालत शुरू कर दी है कि अमेरिका जल्द ही मात्रात्मक सहजता का ताजा दौर शुरू कर सकता है, जैसा कि फेडरल रिजर्व पहले ही संकेत दे चुका है। फेडरल रिजर्व ने पहले कहा था कि नीतिगत कदम तभी जरूरी होंगे जब अर्थव्यवस्था की हालत और बिगड़ेगी।
रुपये में कीमत के लिहाज से पिछले एक साल के दौरान सोने में 33.58 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, बावजूद इसके लंदन में डॉलर के लिहाज से इसमें महज 5.47 फीसदी की उछाल आई है। चूंकि पिछले एक साल के दौरान रुपये में 23.97 फीसदी की गिरावट आई है, लिहाजा स्थानीय बाजार में सोने में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके उलट रुपये में कीमत के लिहाज से पिछले एक साल में चांदी 4.72 फीसदी टूटी है और शनिवार को मुंबई के हाजिर बाजार में इसका भाव 54,750 रुपये प्रति किलोग्राम था। डॉलर के लिहाज से हालांकि चांदी 22.60 फीसदी टूटी है और शुक्रवार को यह 28.53 डॉलर प्रति आउंस पर बंद हुई।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर हालात डॉलर के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। एक विश्लेषक ने कहा कि जब सभी संपत्ति वर्ग लुढ़कता हुआ नजर आएगा, तब सिर्फ सोना ही निवेशकों को राहत पहुंचा सकता है।
एमसीएक्स में सोने का अगस्त अनुबंध तेज दौड़ लगाता हुआ 31,156 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंचा, लेकिन बाद में इसमें थोड़ी गिरावट आई। ऐंजल कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सैमसन पासम का अनुमान है कि सोने को 29,680-28,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर समर्थन मिलेगा और इसके नीचे इसे 29,200-29,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर समर्थन है। उन्हें हालांकि प्रतिरोध का स्तर 30,520-30,560 रुपये नजर आ रहा है। उनका कहना है कि 30,570 रुपये पर लगातार कारोबार के बाद ही इसमें और तेजी आएगी और फिर यह 30,690 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचेगा और अंतत: 31,060 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चला जाएगा।
इस बीच, कारोबारियों ने सोने में निवेश का ताजा रुझान देखा है। स्पष्ट रूप से एमसीएक्स पर नजदीक माह वाले सोने के अनुबंध में ओपन इंटरेस्ट यानी खड़े सौदों में शनिवार को 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। (BS Hindi)
शुक्रवार सुबह अमेरिकी रोजगार के आंकड़े घोषित होने के बाद कारोबारियों को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व की तरफ से अतिरिक्त मात्रात्मक वित्तीय सहजता (क्यूई-3) जल्द ही आ सकती है।
मुंबई में बेंचमार्क जावेरी बाजार में सोना स्टैंडर्ड शनिवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और 29,895 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। शनिवार को सोने में एक दिन पहले के 29,005 रुपये प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 3 फीसदी यानी 890 रुपये की तेजी दर्ज की गई। शुद्ध सोना भी एक दिन पहले के 29,135 रुपये प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 30,030 रुपये पर बंद हुआ। ऐसे में चांदी कहां पीछे रहने वाली थी और इसने भी दौड़ लगाते हुए 2 फीसदी की बढ़त के साथ 54,750 रुपये प्रति किलोग्राम का स्तर हासिल कर लिया। हालांकि ऊंचे भाव पर खरीदारों ने खरीद से परहेज किया।
अमेरिका में जारी उम्मीद से कमजोर आंकड़ों से डॉलर में भारी निवेश कर चुके निवेशकों का नजरिया बदला और वे सोने की तरफ बढ़े, जो वैश्विक संकट के समय सुरक्षित विकल्प साबित हुआ था। अब डॉलर से निवेश निकलकर सोने की तरफ जा रहा है।
कॉमट्रेड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा - इसके परिणामस्वरूप कीमती धातु में निकट भविष्य में बढ़त जारी रहेगी और वैश्विक बाजार में यह 1700 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच जाएगी, इस नजरिये से देश में इसका भाव 31,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होने की संभावना है।
न्यू यॉर्क मर्र्केंटाइल एक्सचेंज के कॉमेक्स डिविजन में सोने का अगस्त अनुबंध 53.50 डॉलर बढ़कर 1617.70 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच गया। कारोबार का दायरा 1545.50 डॉलर से 1619.30 डॉलर प्रति आउंस रहा।
पिछले महीने अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार में महज 69,000 की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जो 1,51,000 के पूर्वानुमान के मुकाबले से काफी नीचे है। ये चीजें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की बाबत सवाल खड़े करती है। बेरोजगारी के आंकड़ों में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 8.2 फीसदी पर पहुंच गया जबकि मार्च का आंकड़ा पूर्व के 1.15 लाख के मुकाबले संशोधित कर 77,000 कर दिया गया था।
अब विश्लेषकों ने मजबूती के साथ इसकी वकालत शुरू कर दी है कि अमेरिका जल्द ही मात्रात्मक सहजता का ताजा दौर शुरू कर सकता है, जैसा कि फेडरल रिजर्व पहले ही संकेत दे चुका है। फेडरल रिजर्व ने पहले कहा था कि नीतिगत कदम तभी जरूरी होंगे जब अर्थव्यवस्था की हालत और बिगड़ेगी।
रुपये में कीमत के लिहाज से पिछले एक साल के दौरान सोने में 33.58 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, बावजूद इसके लंदन में डॉलर के लिहाज से इसमें महज 5.47 फीसदी की उछाल आई है। चूंकि पिछले एक साल के दौरान रुपये में 23.97 फीसदी की गिरावट आई है, लिहाजा स्थानीय बाजार में सोने में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके उलट रुपये में कीमत के लिहाज से पिछले एक साल में चांदी 4.72 फीसदी टूटी है और शनिवार को मुंबई के हाजिर बाजार में इसका भाव 54,750 रुपये प्रति किलोग्राम था। डॉलर के लिहाज से हालांकि चांदी 22.60 फीसदी टूटी है और शुक्रवार को यह 28.53 डॉलर प्रति आउंस पर बंद हुई।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर हालात डॉलर के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। एक विश्लेषक ने कहा कि जब सभी संपत्ति वर्ग लुढ़कता हुआ नजर आएगा, तब सिर्फ सोना ही निवेशकों को राहत पहुंचा सकता है।
एमसीएक्स में सोने का अगस्त अनुबंध तेज दौड़ लगाता हुआ 31,156 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंचा, लेकिन बाद में इसमें थोड़ी गिरावट आई। ऐंजल कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सैमसन पासम का अनुमान है कि सोने को 29,680-28,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर समर्थन मिलेगा और इसके नीचे इसे 29,200-29,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर समर्थन है। उन्हें हालांकि प्रतिरोध का स्तर 30,520-30,560 रुपये नजर आ रहा है। उनका कहना है कि 30,570 रुपये पर लगातार कारोबार के बाद ही इसमें और तेजी आएगी और फिर यह 30,690 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचेगा और अंतत: 31,060 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चला जाएगा।
इस बीच, कारोबारियों ने सोने में निवेश का ताजा रुझान देखा है। स्पष्ट रूप से एमसीएक्स पर नजदीक माह वाले सोने के अनुबंध में ओपन इंटरेस्ट यानी खड़े सौदों में शनिवार को 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। (BS Hindi)
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