आर.एस. राणा नई दिल्ल
मंदी का आलम :- महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में 500 से 600 रुपये की गिरावट आकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक मंडियों में हल्दी का करीब 35 लाख बोरी स्टॉक हो चुका है जबकि दैनिक आवक करीब 24,000 से 25,000 बोरी हो रही है।
मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) के तहत हल्दी की खरीद शुरू होने के बावजूद इसकी कीमतों में गिरावट बनी हुई है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में 500 से 600 रुपये की गिरावट आकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक मंडियों में हल्दी का करीब 35 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) का स्टॉक हो चुका है जबकि आवक करीब 24,000 से 25,000 बोरी की आवक हो रही है, जिससे गिरावट बनी हुई है।
मनसाराम योगेश कुमार के प्रबंधक पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) में हल्दी की खरीद से भी कीमतों में गिरावट रुक नहीं रही है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में कीमतें 500-600 रुपये घटकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई हैं। आंध्र प्रदेश से एमआईएस के तहत अभी तक 25,000 टन हल्दी की खरीद हुई है।
एमआईएस के तहत 4,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि हल्दी में निर्यातकों की मांग नहीं निकल रही है जबकि उत्पादक मंडियों में अभी तक करीब 35 लाख बोरी का स्टॉक हो चुका है।
हल्दी ट्रेडर्स संघ के सचिव के. वी. रवि के अनुसार चालू सीजन में हल्दी की पैदावार बढ़कर 80 लाख बोरी होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल 60 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक 24,000 से 25,000 हजार बोरियों की हो रही है।
ऐसे में कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आ सकती है। कर्नाटक में भी एमआईएस के तहत हल्दी की खरीद हो रही है लेकिन खरीद सीमित मात्रा में होने से दाम घट रहे हैं। एनसीडीईएक्स पर पिछले 17 दिनों में हल्दी की कीमतों में 16.3 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में 18 मई को हल्दी का भाव 4,332 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शनिवार को भाव घटकर 3,522 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान हल्दी के निर्यात में 69 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 67,000 टन हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में 39,600 टन का निर्यात हुआ था। आदित्य ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर एच. पोद्दार ने बताया कि मार्च-अप्रैल के बाद से निर्यातकों की मांग में कमी आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल इस समय भाव 6.28 डॉलर प्रति किलो था। (Business Bhaskar....R S Rana)
मंदी का आलम :- महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में 500 से 600 रुपये की गिरावट आकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक मंडियों में हल्दी का करीब 35 लाख बोरी स्टॉक हो चुका है जबकि दैनिक आवक करीब 24,000 से 25,000 बोरी हो रही है।
मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) के तहत हल्दी की खरीद शुरू होने के बावजूद इसकी कीमतों में गिरावट बनी हुई है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में 500 से 600 रुपये की गिरावट आकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक मंडियों में हल्दी का करीब 35 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) का स्टॉक हो चुका है जबकि आवक करीब 24,000 से 25,000 बोरी की आवक हो रही है, जिससे गिरावट बनी हुई है।
मनसाराम योगेश कुमार के प्रबंधक पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) में हल्दी की खरीद से भी कीमतों में गिरावट रुक नहीं रही है। महीने भर में उत्पादक मंडियों में कीमतें 500-600 रुपये घटकर भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई हैं। आंध्र प्रदेश से एमआईएस के तहत अभी तक 25,000 टन हल्दी की खरीद हुई है।
एमआईएस के तहत 4,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि हल्दी में निर्यातकों की मांग नहीं निकल रही है जबकि उत्पादक मंडियों में अभी तक करीब 35 लाख बोरी का स्टॉक हो चुका है।
हल्दी ट्रेडर्स संघ के सचिव के. वी. रवि के अनुसार चालू सीजन में हल्दी की पैदावार बढ़कर 80 लाख बोरी होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल 60 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक 24,000 से 25,000 हजार बोरियों की हो रही है।
ऐसे में कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आ सकती है। कर्नाटक में भी एमआईएस के तहत हल्दी की खरीद हो रही है लेकिन खरीद सीमित मात्रा में होने से दाम घट रहे हैं। एनसीडीईएक्स पर पिछले 17 दिनों में हल्दी की कीमतों में 16.3 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में 18 मई को हल्दी का भाव 4,332 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शनिवार को भाव घटकर 3,522 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान हल्दी के निर्यात में 69 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 67,000 टन हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में 39,600 टन का निर्यात हुआ था। आदित्य ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर एच. पोद्दार ने बताया कि मार्च-अप्रैल के बाद से निर्यातकों की मांग में कमी आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल इस समय भाव 6.28 डॉलर प्रति किलो था। (Business Bhaskar....R S Rana)
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