वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के साथ बातचीत के बाद उपभोक्ता मामलों के
मंत्रालय ने एक ओर जहां ऑनलाइन ट्रेडिंग की खातिर क्षेत्रीय एक्सचेंजों के
सामने कॉमन प्लेटफॉर्म या कॉमन सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने का विकल्प पेश
किया है। वहीं दूसरी ओर मंत्रालय ने क्षेत्रीय एक्सचेंजों पर कारोबार के
लिए कुछ जिंसों को आरक्षित करने का विकल्प खारिज कर दिया है।
मौजूदा समय में एफएमसी के सुझावों के आधार पर मंत्रालय ने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के नियमों की समीक्षा के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव भविष्य में उपयुक्तता के दृष्टिकोण से क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संभावित पुनर्गठन से जुड़ा हुआ है।
पिछले महीने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के साथ हुई बैठक में एक्सचेंजों ने एफएमसी को सुझाव दिया था कि सिर्फ और सिर्फ क्षेत्रीय एक्सचेंजों पर कारोबार के लिए कुछ जिंसों का चयन किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय एक्सचेंज में तब्दील होने के लिए पूंजी का मानदंड घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया जाना चाहिए।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संयुक्त कोष से कॉमन सॉफ्टवेयर लगाया जा सकता है और इसका लिंक सभी एक्सचेंजों से हो सकता है। ऐसे में कोई सदस्य या फिर क्षेत्रीय एक्सचेंज बिना किसी अवरोध के जिंसों का ऑनलाइन कारोबार कर सकता है और किसी खास जिंस के कारोबार के लिए मशहूर क्षेत्रीय एक्सचेंज का दर्जा भी बरकरार रह सकता है।
दूसरे विकल्प के तहत अगर क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संयुक्त कोष से कॉमन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार होता है तो देश भर के कोई भी सदस्य जिंसों का ऑनलाइन कारोबार कर सकेगा, जहां क्षेत्रीय एक्सचेंज अपना अलग अस्तित्व बनाए रख सकता है। दोनों ही विकल्पों में क्षेत्रीय एक्सचेंजों को राष्ट्रीय एक्सचेंजों में तब्दील करने के लिए पूंजी के मानदंडों में कमी लाने की दरकार नहीं होगी। क्योंकि सभी एक्सचेंज या एक्सचेंजों के समूह अपनी पहुंच या एकसमान कार्यप्रणाली के जरिए संयुक्त कोष का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि किसी क्षेत्रीय एक्सचेंज के लिए कोई खास जिंस अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि राष्ट्रीय एक्सचेंजों को सभी जिंसों में कारोबार करने की अनुमति दी गई है। स्थायी पहचान वाले राष्ट्रीय एक्सचेंजों के लिए इस नियम में बदलाव नहीं किया जा सकता। उपभोक्ता मंत्रालय का मानना है कि क्षेत्रीय एक्सचेंजों को किसी खास जिंस में दक्ष प्रतिभाशाली लोगों को संरक्षण देने का काम दोबारा शुरू करने की दरकार है। इसके लिए एफएमसी क्षेत्रीय एक्सचेंजों के गवर्नेंस व अन्य प्रक्रियागत नियमों को मजबूत बना रहा है ताकि कारोबारियों को क्षेत्रीय एक्सचेंजों में कारोबार करने में सहज लगे।
कुछ महीने पहले एफएमसी ने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के लिए आयोग द्वारा नियुक्त अंकेक्षकों के जरिए अंकेक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया था। क्षेत्रीय एक्सचेंज अंकेक्षण की नियुक्ति खुद करते हैं और इसकी सालाना रिपोर्ट एफएमसी को सौंपते हैं। फिलहाल ज्यादातर क्षेत्रीय एक्सचेंज अपने ऑफिस स्पेस को किराए पर उठाकर मिलने वाले किराए और सावधि जमा से मिलने वाले रिटर्न से अपना अस्तित्व बचाए हुए हैं। एफएमसी के नियमों के तहत ऐसे क्रियाकलाप प्रतिबंधित हैं। इससे पहले एफएमसी ने सभी क्षेत्रीय एक्सचेंजों से कहा था कि भागीदारी बढ़ाने के लिए की गई पहल के बारे में वह रिपोर्ट सौंपे। एफएमसी की वेबसाइट पर 16 क्षेत्रीय एक्सचेंजों का जिक्र है, जिसमें से छह में कई सालों तक कोई कारोबार नहीं हुआ है। (BS Hindi)
मौजूदा समय में एफएमसी के सुझावों के आधार पर मंत्रालय ने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के नियमों की समीक्षा के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव भविष्य में उपयुक्तता के दृष्टिकोण से क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संभावित पुनर्गठन से जुड़ा हुआ है।
पिछले महीने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के साथ हुई बैठक में एक्सचेंजों ने एफएमसी को सुझाव दिया था कि सिर्फ और सिर्फ क्षेत्रीय एक्सचेंजों पर कारोबार के लिए कुछ जिंसों का चयन किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय एक्सचेंज में तब्दील होने के लिए पूंजी का मानदंड घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया जाना चाहिए।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संयुक्त कोष से कॉमन सॉफ्टवेयर लगाया जा सकता है और इसका लिंक सभी एक्सचेंजों से हो सकता है। ऐसे में कोई सदस्य या फिर क्षेत्रीय एक्सचेंज बिना किसी अवरोध के जिंसों का ऑनलाइन कारोबार कर सकता है और किसी खास जिंस के कारोबार के लिए मशहूर क्षेत्रीय एक्सचेंज का दर्जा भी बरकरार रह सकता है।
दूसरे विकल्प के तहत अगर क्षेत्रीय एक्सचेंजों के संयुक्त कोष से कॉमन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार होता है तो देश भर के कोई भी सदस्य जिंसों का ऑनलाइन कारोबार कर सकेगा, जहां क्षेत्रीय एक्सचेंज अपना अलग अस्तित्व बनाए रख सकता है। दोनों ही विकल्पों में क्षेत्रीय एक्सचेंजों को राष्ट्रीय एक्सचेंजों में तब्दील करने के लिए पूंजी के मानदंडों में कमी लाने की दरकार नहीं होगी। क्योंकि सभी एक्सचेंज या एक्सचेंजों के समूह अपनी पहुंच या एकसमान कार्यप्रणाली के जरिए संयुक्त कोष का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि किसी क्षेत्रीय एक्सचेंज के लिए कोई खास जिंस अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि राष्ट्रीय एक्सचेंजों को सभी जिंसों में कारोबार करने की अनुमति दी गई है। स्थायी पहचान वाले राष्ट्रीय एक्सचेंजों के लिए इस नियम में बदलाव नहीं किया जा सकता। उपभोक्ता मंत्रालय का मानना है कि क्षेत्रीय एक्सचेंजों को किसी खास जिंस में दक्ष प्रतिभाशाली लोगों को संरक्षण देने का काम दोबारा शुरू करने की दरकार है। इसके लिए एफएमसी क्षेत्रीय एक्सचेंजों के गवर्नेंस व अन्य प्रक्रियागत नियमों को मजबूत बना रहा है ताकि कारोबारियों को क्षेत्रीय एक्सचेंजों में कारोबार करने में सहज लगे।
कुछ महीने पहले एफएमसी ने क्षेत्रीय एक्सचेंजों के लिए आयोग द्वारा नियुक्त अंकेक्षकों के जरिए अंकेक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया था। क्षेत्रीय एक्सचेंज अंकेक्षण की नियुक्ति खुद करते हैं और इसकी सालाना रिपोर्ट एफएमसी को सौंपते हैं। फिलहाल ज्यादातर क्षेत्रीय एक्सचेंज अपने ऑफिस स्पेस को किराए पर उठाकर मिलने वाले किराए और सावधि जमा से मिलने वाले रिटर्न से अपना अस्तित्व बचाए हुए हैं। एफएमसी के नियमों के तहत ऐसे क्रियाकलाप प्रतिबंधित हैं। इससे पहले एफएमसी ने सभी क्षेत्रीय एक्सचेंजों से कहा था कि भागीदारी बढ़ाने के लिए की गई पहल के बारे में वह रिपोर्ट सौंपे। एफएमसी की वेबसाइट पर 16 क्षेत्रीय एक्सचेंजों का जिक्र है, जिसमें से छह में कई सालों तक कोई कारोबार नहीं हुआ है। (BS Hindi)
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