सरसों व चने का उत्पादन घटने पर भी मूल्य में आई गिरावट
उपभोक्ताओं की खातिर :- एफएमसी ने चने के वायदा सौदों की खरीद पर 35 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया था जिसकी वजह से निवेशकों की खरीद में कमी आई। इसीलिए वायदा बाजार में चने की कीमतों में गिरावट आई है।
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) द्वारा सख्ती करने से वायदा में चना और सरसों की कीमतों में गिरावट आई है। एनसीडीईएक्स पर महीने भर में चने की कीमतों में करीब 8 फीसदी और सरसों की कीमतों में करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है।
हालांकि शुक्रवार को चने के मूल्य में एक फीसदी से ज्यादा तेजी दर्ज की गई जबकि सरसों के वायदा अनुबंधों में आधा से एक फीसदी की गिरावट आई। वायदा के मुकाबले हाजिर बाजार में इस दौरान चने के भाव 50 रुपये और सरसों के भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल कम हैं।
ब्रोकिंग फर्म ऐंजल कमोडिटी के एग्री विश्लेषक बदरुद्दीन ने बताया कि एफएमसी ने चने के वायदा सौदों की खरीद पर 35 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया था जिसकी वजह से निवेशकों की खरीद में कमी आई। इसीलिए वायदा बाजार में चने की कीमतों में गिरावट आई है। जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में 9 मई को चने का भाव बढ़कर 4,501 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था
जबकि शुक्रवार को भाव 4,157 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
एफएमसी ने इस दौरान सरसों के वायदा सौदों की खरीद पर 10 फीसदी अतिरिक्त मार्जिन लगाया था। सरसों का भाव भी जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में आठ मई को 4,114 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था जबकि शुक्रवार को 3,755 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि शुक्रवार से एनसीडीईएक्स पर सरसों के वायदा सौदों की खरीद में 5 फीसदी अतिरिक्त मार्जिन कम कर दिया है।
अजय इंडस्ट्रीज के प्रबंधक सुनील अग्रवाल ने बताया कि वायदा के मुकाबले हाजिर में चने की कीमतों में कम गिरावट आई है। चालू सीजन में चने की पैदावार में कमी आई है जबकि डॉलर मजबूत होने से आयात पड़ता महंगा पड़ रहा है। दिल्ली बाजार में शुक्रवार को चने का दाम 4,200 से 4,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
महीने भर में इसकी कीमतों में केवल 50 रुपये की नरमी आई है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि 42 फीसदी कंडीशन सरसों के दाम 3,825 से 3,850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। महीने भर में इसकी कीमतों में 250 से 300 रुपये का मंदा आया है। (Business Bhaskar....R S Rana)
उपभोक्ताओं की खातिर :- एफएमसी ने चने के वायदा सौदों की खरीद पर 35 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया था जिसकी वजह से निवेशकों की खरीद में कमी आई। इसीलिए वायदा बाजार में चने की कीमतों में गिरावट आई है।
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) द्वारा सख्ती करने से वायदा में चना और सरसों की कीमतों में गिरावट आई है। एनसीडीईएक्स पर महीने भर में चने की कीमतों में करीब 8 फीसदी और सरसों की कीमतों में करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है।
हालांकि शुक्रवार को चने के मूल्य में एक फीसदी से ज्यादा तेजी दर्ज की गई जबकि सरसों के वायदा अनुबंधों में आधा से एक फीसदी की गिरावट आई। वायदा के मुकाबले हाजिर बाजार में इस दौरान चने के भाव 50 रुपये और सरसों के भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल कम हैं।
ब्रोकिंग फर्म ऐंजल कमोडिटी के एग्री विश्लेषक बदरुद्दीन ने बताया कि एफएमसी ने चने के वायदा सौदों की खरीद पर 35 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया था जिसकी वजह से निवेशकों की खरीद में कमी आई। इसीलिए वायदा बाजार में चने की कीमतों में गिरावट आई है। जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में 9 मई को चने का भाव बढ़कर 4,501 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था
जबकि शुक्रवार को भाव 4,157 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
एफएमसी ने इस दौरान सरसों के वायदा सौदों की खरीद पर 10 फीसदी अतिरिक्त मार्जिन लगाया था। सरसों का भाव भी जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में आठ मई को 4,114 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था जबकि शुक्रवार को 3,755 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि शुक्रवार से एनसीडीईएक्स पर सरसों के वायदा सौदों की खरीद में 5 फीसदी अतिरिक्त मार्जिन कम कर दिया है।
अजय इंडस्ट्रीज के प्रबंधक सुनील अग्रवाल ने बताया कि वायदा के मुकाबले हाजिर में चने की कीमतों में कम गिरावट आई है। चालू सीजन में चने की पैदावार में कमी आई है जबकि डॉलर मजबूत होने से आयात पड़ता महंगा पड़ रहा है। दिल्ली बाजार में शुक्रवार को चने का दाम 4,200 से 4,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
महीने भर में इसकी कीमतों में केवल 50 रुपये की नरमी आई है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि 42 फीसदी कंडीशन सरसों के दाम 3,825 से 3,850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। महीने भर में इसकी कीमतों में 250 से 300 रुपये का मंदा आया है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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