वायदा सौदों में उतार चढ़ाव रोकने के लिए विभिन्न जिंसों पर डिलिवरी मानक
लागू कर दिए गए हैं। सोयाबीन और सोया रिफाइंड के अलावा सभी सौदों में लागू
इन नियमों के मुताबिक वायदा कारोबारियों को महीने के आरंभ में बताना होगा
कि वे सौदों की डिलिवरी चाहते हैं या नहीं। अभी तक एक्सपायरी की तारीख से
महज पांच दिन पहले बताने से काम चल जाता था।
नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) से मिली जानकारी के मुताबिक निविदा अवधि प्रत्येक माह के पांचवें दिन शुरू होगी। पांचवां दिन शनिवार, रविवार या अवकाश है तो अगले कामकाजी दिन यह शुरू होगा। इस महीने की पांच तारीख यानी आज से डिलिवरी का नया नियम लागू है। एनसीडीईएक्स के उपाध्यक्ष हेमंत सिंघवी ने बताया कि चना, जौ, अरंडी बीज, लाल मिर्च, कपास बीज खली, धनिया, जीरा, मक्का, चीनी, गेहूं, आलू, सरसों, हल्दी, काली मिर्च, रबर, स्टील लॉग, सोना और पीवीसी के जून महीने के सौदों पर नियम लागू हुआ है।
इन नियमों की असल वजह सट्टेबाजी के खिलाफ वायदा बाजार आयोग की सख्ती है। अक्सर वायदा कारोबार के अंत तक पता नहीं चलता कि बुकिंग करने वाला जिंस की डिलिवरी लेगा या नहीं। इससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है और सटोरियों को फायदा हो जाता है। इसीलिए आयोग ने कुछ समय पहले पांचों प्रमुख जिंस एक्सचेंजों के कारोबार और दिन के अंत में निपटान से बचे सौदों के अनुपात में भारी अंतर पर तीन साल की मासिक रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने एक्सचेंजों के नाम चिट्ठी में कहा कि बाजार में सट्टेबाजी बहुत ज्यादा है।
इस बीच जिंस के जानकारों का कहना है कि नए नियम से बाजार में स्थिरता आएगी क्योंकि लोगों को पता होगा कि 5-10 फीसदी रकम पर बुक किए गए माल का आगे क्या होना है। (BS Hindi)
नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) से मिली जानकारी के मुताबिक निविदा अवधि प्रत्येक माह के पांचवें दिन शुरू होगी। पांचवां दिन शनिवार, रविवार या अवकाश है तो अगले कामकाजी दिन यह शुरू होगा। इस महीने की पांच तारीख यानी आज से डिलिवरी का नया नियम लागू है। एनसीडीईएक्स के उपाध्यक्ष हेमंत सिंघवी ने बताया कि चना, जौ, अरंडी बीज, लाल मिर्च, कपास बीज खली, धनिया, जीरा, मक्का, चीनी, गेहूं, आलू, सरसों, हल्दी, काली मिर्च, रबर, स्टील लॉग, सोना और पीवीसी के जून महीने के सौदों पर नियम लागू हुआ है।
इन नियमों की असल वजह सट्टेबाजी के खिलाफ वायदा बाजार आयोग की सख्ती है। अक्सर वायदा कारोबार के अंत तक पता नहीं चलता कि बुकिंग करने वाला जिंस की डिलिवरी लेगा या नहीं। इससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है और सटोरियों को फायदा हो जाता है। इसीलिए आयोग ने कुछ समय पहले पांचों प्रमुख जिंस एक्सचेंजों के कारोबार और दिन के अंत में निपटान से बचे सौदों के अनुपात में भारी अंतर पर तीन साल की मासिक रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने एक्सचेंजों के नाम चिट्ठी में कहा कि बाजार में सट्टेबाजी बहुत ज्यादा है।
इस बीच जिंस के जानकारों का कहना है कि नए नियम से बाजार में स्थिरता आएगी क्योंकि लोगों को पता होगा कि 5-10 फीसदी रकम पर बुक किए गए माल का आगे क्या होना है। (BS Hindi)
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