23 जून 2012
आएगी बरखा पर कम बदरा
मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अगले तीन महीनों में उत्तर पश्चिम और दक्षिण भारत को छोड़कर अन्य इलाकों में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून देश भर में सामान्य रहेगा।
2012 के मॉनसून सीजन के लिए मौसम विभाग द्वारा आज जारी दूसरे सालाना अग्रिम अनुमान की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई, अगस्त और सितंबर में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की 96 फीसदी बारिश ही होगी। एलपीए 1951-2000 के बीच देश भर में हुई बारिश का औसत होता है और यह 89 सेंटीमीटर आंका गया है। एलपीए के 96 फीसदी से कम बारिश सामान्य से कम माना जबकि 96 से 104 फीसदी को बारिश को सामान्य माना जाता है। विभाग ने कहा कि जुलाई में देश भर में एलपीए की 98 फीसदी बारिश हो सकती है जबकि अगस्त में यह 96 फीसदी रह सकती है। दोनों ही सामान्य श्रेणी में शामिल हैं।
विभाग की इस भविष्यवाणी से कई लाख किसानों को राहत मिल सकती है क्योंकि खरीफ फसल की बुआई के लिए जुलाई और अगस्त बेहद अहम हैं। हालांकि प्रमुख रूप से धान की फसल उगाने वाले उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में इस साल सामान्य से कम मॉनसून रहने की आशंका है। मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत में इस साल मॉनसून एलपीए का 93 फीसदी रह सकता है। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ एल एस राठौड़ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ' राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में इस साल सामान्य से कम बारिश हो सकती है।' लेकिन कुल मिलाकर देश भर में इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में कम बारिश से खरीफ फसलों की बुआई पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 80 फीसदी जमीन की सिंचाई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बारिश के अनुमान को एलपीए के 99 फीसदी से घटाकर 96 फीसदी करना चिंता की बात है। (BS Hindi)
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