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05 जनवरी 2010

और कड़वी होगी चीनी....50रु/किलो होगा भाव...!

नई दिल्ली।। पिछले कुछ हफ्तों में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है। इससे इस बात की संभावना को बल मिला है कि 2010 की पहली छमाही में चीनी की खुदरा कीमतें 50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच सकती हैं। कोल्हापुर के चीनी बाजार में एस वरायटी वाली चीनी के दाम अपने 3,540.2 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के पुराने स्तर को पीछे छोड़कर 3,575.65 रुपये पर पहुंच गए। यह लगातार तीसरा कारोबारी सत्र था, जबकि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया। ग्लोबल बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कारोबारियों ने फिलहाल आयात सौदों को रोक दिया है। पिछले साल दिसंबर में ग्लोबल बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट का रुख था। विदेशी मुल्कों से चीनी आयात के बढ़ते दाम को देखते हुए उत्तर प्रदेश में चीनी मिल मालिकों ने पहले किसानों को गन्ने के लिए 215 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया। हालांकि, मौजूदा समय में यह स्तर 250 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच गया है। गन्ना खरीद का यह दाम केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए फेयर एंड रेमुनेरेटिव प्राइस (एफएंडआरपी) से प्रति क्विंटल 130 रुपये ज्यादा है। कमोडिटी जानकारों का कहना है कि भारत की मजबूत मांग की वजह से ग्लोबल बाजार में चीनी की कीमतें तेज रहने के आसार हैं। बाजार के मौजूदा माहौल से चीनी की कीमतों को बल मिल रहा है। साथ ही चीनी के कारोबार में बढ़ोतरी से ग्लोबल बाजार में इसकी कीमतें लगातार मजबूत हो रही हैं। हालांकि, ग्लोबल बाजार में तेजी से कारोबारियों के लिए चीनी का आयात मुश्किल होता जा रहा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'चीनी की सट्टेबाजी और जमाखोरी को रोकने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अगर मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो हम जल्द ही और कदम उठाएंगे।' पिछले हफ्ते कृषि मंत्री शरद पवार ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को पत्र लिखकर उनसे राज्य में आयातित कच्ची चीनी के प्रवेश पर लगी रोक को हटाने के लिए कहा था। एक सीनियर अधिकारी ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया, 'अगर राज्य में आयातित कच्ची चीनी के प्रवेश की अनुमति दे दी जाती है, तो कानून व्यवस्था की दृष्टि से यह ठीक नहीं होता, क्योंकि कुछ हफ्ते पहले प्रदेश के किसान गन्ने की मूल्य को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।' सबसे अधिक परेशानी वाली बात यह है कि चीनी के दाम मांग का सीजन न होने के बावजूद बढ़ रहे हैं। इसके अलावा जब से चीनी के दाम में तेजी से इजाफा हो रहा है, तब से देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गुड़ और खांडसारी उद्योग द्वारा की जाने वाली खरीद थम सी गई है। उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों गन्ना मूल्य को लेकर हुए विरोध के कारण यहां पेराई में देरी हुई और मौजूदा समय में पेराई का काम जोरों पर चल रहा है। (ई टी हिन्दी)

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