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06 अगस्त 2012

मानसून की बेरुखी से केस्टर सीड में भारी तेजी

पिछले 12 दिनों में केस्टर सीड के दाम 20 फीसदी उछले गुजरात और राजस्थान में मानसूनी वर्षा कम होने से केस्टर सीड की बुवाई में भारी कमी आई है। जिससे पिछले 12 दिनों में ही केस्टर सीड की कीमतों में करीब 20 फीसदी की तेजी हो चुकी है। वर्ष 2013 में केस्टर सीड की पैदावार में करीब 40 से 45 फीसदी कमी आने की आशंका है जिससे मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। एससी केमिकल के डायरेक्टर के. आर. पारिख ने बताया कि चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान में मानसूनी वर्षा कम होने से केस्टर सीड की बुवाई में भारी कमी आई है। इसीलिए स्टॉकिस्टों ने केस्टर सीड की बिकवाली भी पहले की तुलना में कम कर दी है। इसीलिए कीमतों में तेजी बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में पिछले 12 दिनों में ही केस्टर सीड की कीमतों में करीब 20 फीसदी की तेजी आकर भाव 4,100 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। जयंत एग्रो ऑरनामिक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक वामन भाई ने बताया कि गुजरात में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात बन गए हैं। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक भी घटकर 55,000 से 60,000 बोरी (एक बोरी-75 किलो) की रह गई है। केस्टर तेल की कीमतें बढ़कर 830 रुपये प्रति 10 किलो हो गई है। हालांकि ऊंचे भाव में केस्टर तेल की निर्यात मांग पहले की तुलना में कम हुई है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में केस्टर तेल का 50 हजार टन का निर्यात हुआ है। जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में कुल 4.20 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार 2011-12 में केस्टर सीड का उत्पादन बढ़कर 16.19 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2011-12 में इसकी बुवाई 11.50 लाख हैक्टेयर में हुई जो पिछले साल के 8.6 लाख हैक्टेयर से ज्यादा थी। एनसीडीईएक्स पर निवेशकों की खरीद से अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में पिछले 12 दिनों में केस्टर सीड की कीमतों में 16.6 फीसदी की तेजी आई है। (Business Bhaskar......R S Rana)

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