10 अगस्त 2012
फ्लोर मिलों को महंगा मिलेगा सरकारी गेहूं, बिक्री 13 से
आर. एस. राणा नई दिल्ली
खुले <क्चद्धड्डह्यद्मड्डह्म्>बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत फ्लोर मिलों के लिए सरकार गेहूं को महंगा करने जा रही है। इसके तहत फ्लोर मिलों के लिए गेहूं की कीमत बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में पचास फीसदी परिवहन लागत को जोड़कर तय की जायेगी। ऐसे में दिल्ली की फ्लोर मिलों को सरकारी गेहूं की खरीद के लिए निविदा का न्यूनतम भाव 1,306.50 रुपये प्रति क्विंटल होगा जबकि कर्नाटक की फ्लोर मिलों के लिए 1,408 रुपये प्रति क्विंटल होगा। इसके साथ ही पूरे देश में एक समान 1,170 रुपये प्रति क्विंटल कीमत की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री एमएसपी में 50 फीसदी परिवहन लागत को जोड़कर की जाएगी। चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं का एमएसपी 1,285 रुपये प्रति क्विंटल था। परिवहन लागत लुधियाना से राज्य की राजधानी के लिए जोड़ा जाएगा। इस हिसाब से दिल्ली की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,306.50 रुपये प्रति क्विंटल होगा। हालांकि दिल्ली बाजार में इस गेहूं का दाम 1,400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
उन्होंने बताया कि ओएमएसएस के फ्लोर मिलों को गेहूं की बिक्री 13 अगस्त से शुरू किए जाने की संभावना है। ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलों को अभी अतिरिक्त गेहूं का आवंटन नहीं किया जाएगा। पहले से आवंटित किए गए 13 लाख टन गेहूं में से करीब 11 लाख टन से ज्यादा का उठाव हो चुका है। इसमें से बचे हुए लगभग 2 लाख टन गेहूं का उठाव होने के बाद ही और आवंटन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 19 जून को देशभर की फ्लोर मिलों को ओएमएसएस के तहत 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था। इसमें से 13 लाख टन गेहूं का आंवटन जून से अगस्त के लिए था।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) जून-जुलाई में 1,170 रुपये प्रति क्विंटल के एस समान न्यूनतम भाव पर ओएमएसएस के तहत देशभर की फ्लोर मिलों को गेहूं की बिक्री कर रही थी जबकि खुले बाजार में दाम ज्यादा थे।
केंद्रीय पूल में पहली अगस्त को गेहूं का रिकॉर्ड 475 लाख टन का स्टॉक जमा है। कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार, रबी में गेहूं का रिकॉर्ड 939 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है। रिकॉर्ड उत्पादन होने के कारण ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी गेहूं की रिकॉर्ड खरीद 380 लाख टन से ज्यादा हुई है। बंपर उत्पादन को देखते हुए फ्लोर मिलों को गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं थी इसलिए फ्लोर मिलों ने गेहूं का ज्यादा स्टॉक भी नहीं किया है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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