22 अगस्त 2012
सोने के घटे लिवाल, घटेगा आयात
कमजोर मॉनसून, शादी-विवाह की काफी कम मुहूर्त और रिकॉर्ड स्तर के आसपास कीमतों के कारण देश में सोने की अधिकतम मांग के समय सितंबर से दिसंबर के दौरान सोने का आयात 40 फीसदी घटकर 200 टन रह जाने का अनुमान है। बांबे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि बारिश में कमी के चलते किसानों की आय घटने की संभावना है और इस कारण ग्रामीण इलाके में सोने की मांग घटेगी। महज चार वर्षों में देश दूसरी बार सूखे से जूझ रहा है, जिससे खाद्य कीमतें बढ़ सकती हैं और आम लोगों के खर्च करने की ताकत कम हो सकती है। इन वजहों से सोने की मांग भी घट सकती है। अभी भी आधी से ज्यादा आबादी ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आश्रित है। भारतीय उपभोक्ताओं की निवेश और आभूषण मांग साल 2012 की दूसरी तिमाही में 38 फीसदी घटकर 181.3 टन रह गई। आयात शुल्क में बढ़ोतरी और कमजोर रुपये के चलते स्थानीय कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर होने का असर भी मांग पर पड़ा।
उधर, वैश्विक तेजी के बीच सतत लिवाली के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में लगातार दूसरे दिन सोने-चांदी में तेजी दर्ज की गई। सोने के भाव 60 रुपये की तेजी के साथ 30,510 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के भाव 650 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचे। चांदी सिक्का के भाव 3,000 रुपये की तेजी के साथ 68,000-69,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुए।
बाजार सूत्रों के अनुसार विदेशों में तेजी के बीच स्टॉकिस्टों और निवेशकों की सतत लिवाली के कारण सोने-चांदी की कीमतों में उछाल आई। डॉलर कमजोर होने के कारण वैश्विक बाजारों में मजबूती का रुख रहा, जिसका असर स्थानीय बाजार धारणा पर पड़ा। (BS Hindi)
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