04 अगस्त 2012
सरकारी गेहूं की बिक्री अगले हफ्ते से
आर एस राणा नई दिल्ली
1,285 प्रति क्विंटल न्यूनतम भाव पर गेहूं की बिक्री होगी नीलामी के जरिये
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत फ्लोर मिलों को गेहूं की बिक्री अगले सप्ताह शुरू किए जाने की संभावना है। इसके तहत गेहूं के बिक्री भाव को 1,170 रुपये से बढ़ाकर 1,285 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा। ओएमएसएस के तहत आवंटित किए गए 13 लाख टन में से 7 लाख टन गेहूं का अभी तक उठाव हो चुका है। अगले सप्ताह से सरकार बकाया 6 लाख टन गेहूं की बिक्री नीलामी के जरिये करेगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री अगले सप्ताह फिर से शुरू की जाएगी। हाजिर बाजार में गेहूं के दाम ज्यादा होने के कारण सरकार ने ओएमएसएस के तहत बिक्री भाव को 1,170 रुपये से बढ़ाकर 1,285 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का फैसला किया है।
दरअसल सरकार मूल्य बढ़ाकर गेहूं बिक्री से फायदा उठाना चाहती है। अधिकारी के अनुसार इसके तहत 13 लाख टन गेहूं का आवंटन (जून से अगस्त) के लिए किया जा चुका है जिसमें से 7 लाख टन का उठाव हो चुका है। बचे हुए छह लाख टन गेहूं का उठाव होने के बाद ही नया आवंटन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 19 जून को देशभर की फ्लोर मिलों को ओएमएसएस के तहत 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था। इसके तहत 13 लाख टन गेहूं का आंवटन जून से अगस्त के दौरान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 1,170 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री कर रही थी जबकि खुले बाजार में दाम ज्यादा थे इसीलिए बिक्री बंद की गई थी।
एफसीआई द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बंद कर देने से दिल्ली थोक बाजार में दाम बढ़कर 1,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं जबकि उत्पादक मंडियों में भी भाव बढ़कर 1,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। निर्यातक कांडला बंदरगाह पर पहुंच 1,600 से 1,650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद कर रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार रबी में गेहूं का रिकॉर्ड 939 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है।
रिकॉर्ड उत्पादन होने के कारण ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी गेहूं की रिकॉर्ड खरीद 380 लाख टन से ज्यादा हुई है। बंपर उत्पादन को देखते हुए फ्लोर मिलों को गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं थी इसलिए फ्लोर मिलों ने गेहूं का स्टॉक नहीं किया। यही कारण है कि ओएमएसएस में बिक्री बंद होते ही कीमतों में तेजी आई है। केंद्रीय पूल में पहली जुलाई को गेहूं का रिकॉर्ड 498 लाख टन का स्टॉक जमा है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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