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07 अगस्त 2012

सरकारी गोदामों से 1.3 लाख टन गेहूं निर्यात का दूसरा टेंडर

302 डॉलर प्रति टन तक का भाव मिला पिछले टेंडर में 228 डॉलर प्रति टन न्यूनतम भाव तय किया था निर्यात के लिए क्यों आ रही तेजी - अमेरिका में सूखा और रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान में बाढ़ से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। दूसरी ओर रिकॉर्ड उत्पादन होने से देश में गेहूं का स्टॉक असहनीय हो रहा है। विश्व बाजार की तेजी से दूसरे टेंडर में बेहतर भाव मिलने की संभावना विश्व बाजार में गेहूं के मूल्य में बढ़ोतरी होने के कारण सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से गेहूं का निर्यात तेज कर दिया है। सरकारी कंपनियों को पहले टेंडर में अच्छा मूल्य मिलने के बाद दूसरा टेंडर भी जारी कर दिया है। सार्वजनिक कंपनियों पीईसी, एसटीसी और एमएमटीसी ने केंद्रीय पूल से 1.3 लाख टन और गेहूं निर्यात के लिए निविदा मांगी हैं। इसमें पीईसी ने 60,000 टन, एसटीसी ने 40,000 टन और एमएमटीसी ने 30,000 टन निर्यात के लिए निविदा मंगवाई है। एसटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक कंपनियों ने पहले 2.40 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए निविदा मांगी थी जिसके लिए कुल 55 कंपनियों ने निविदा भरी थी। कंपनियों ने गेहूं निर्यात के लिए 260 से 302 डॉलर प्रति टन का भाव ऑफर किया था जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 228 डॉलर प्रति टन का तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए निर्यात के लिए दूसरी निविदा मांगी गई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने केंद्रीय पूल से सार्वजनिक कंपनियों को 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी हुई है। पीईसी द्वारा 60,000 टन गेहूं निर्यात के लिए मांगी गई निविदा भरने की अंतिम तारीख 16 अगस्त है जबकि 27 अगस्त को निविदा खोली जाएंगी। एसटीसी और एमएमटीसी द्वारा मांगी गई क्रमश: 40,000 और 30,000 टन गेहूं निर्यात की निविदा भरने की अंतिम तिथि 24 अगस्त तय की है। 3 सितंबर को बिड खोली जाएंगी। अमेरिका में सूखा और रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान में बाढ़ से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। केंद्रीय पूल में 805 लाख टन खाद्यान्न का बंपर स्टॉक जमा है, इसमें 498 लाख टन गेहूं है। बंपर स्टॉक को देखते हुए सरकार ने सितंबर में गेहूं के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की मांग बढऩे से सितंबर से अभी तक करीब 18 लाख टन से ज्यादा गेहूं का निर्यात प्राइवेट निर्यातकों द्वारा किया जा चुका है। चालू रबी में देश में गेहूं का रिकार्ड 939 लाख टन का रिकार्ड उत्पादन हुआ। (Business Bhaskar....R S Rana)

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