18 अगस्त 2012
मानसून में सुधार के बावजूद खरीफ फसलों की बुवाई धीमी
पिछले साल से पीछे - दलहन की बुवाई 97.38 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 85.32 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है। इसी तरह से मोटे अनाजों की बुवाई 157.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 181.67 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में बाजरा की बुवाई का रकबा 74.40 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 53.91 लाख हैक्टेयर है।
अभी भी मोटे अनाज, दलहन और धान की रोपाई पिछड़ी, लेकिन अंतर घटा
अगस्त महीने में मानसूनी बारिश में हुए सुधार से धान, मोटे अनाज और तिलहनों की बुवाई पहले की तुलना में बढ़ी है लेकिन अभी भी बुवाई पिछले साल के मुकाबले पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार अभी भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दलहनों की बुवाई का रकबा 1२.3 फीसदी, मोटे अनाजों का 13 फीसदी और धान की रोपाई 3.5 फीसदी कम है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले बुवाई रकबा का अंतर कम हुआ है।
जून-जुलाई के साथ ही मध्य अगस्त तक देशभर के कई राज्यों में सामान्य से कम हुई बारिश का असर खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली जून से 16 अगस्त तक देशभर में सामान्य से 16 फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि जून और जुलाई के मुकाबले अगस्त में मानसूनी वर्षा में कमी का अंतर कम हुआ है।
इसके बावजूद मानसून की कमी का सबसे ज्यादा असर मोटे अनाजों और दलहनी फसलों पर पडऩे की आशंका है। चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 85.32 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 97.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
इसी तरह से मोटे अनाजों की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 157.97 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 181.67 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में बाजरा की बुवाई 53.91 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 74.40 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मक्का की बुवाई भी पिछले साल के 70.04 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 69.44 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
मानसूनी वर्षा कम होने से धान की रोपाई भी चालू खरीफ में अभी तक 307.76 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 319.16 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। कपास की बुवाई भी चालू खरीफ में अभी तक 110.26 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 116.81 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
तिलहनों की बुवाई पिछले साल इस समय तक 167.43 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी जबकि चालू खरीफ में इनकी बुवाई अभी तक 160.77 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। गन्ना की बुवाई जरूर पिछले साल के 50.59 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 52.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
(Business Bhaskar)
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