16 अगस्त 2012
'कृषि जिंसों का निर्यात रोकने की योजना नहीं'
वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कमजोर मॉनसून के कारण कृषि उत्पादन में गिरावट की संभावना के बावजूद गेहूं और चावल जैसी कृषि जिंसों के निर्यात को रोकने की कोई योजना नहीं है। वाणिज्य सचिव एस आर राव ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त रणनीतिक और बफर स्टॉक है। हम अगले डेढ़ साल के लिए सुरक्षित हैं।'
सोमवार को खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने संसद में कहा, 'सूखे की स्थिति फसल की संभावना को प्रभावित करेगी। इसका असर जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर हो सकता है जैसे-मांग की तुलना में घरेलू आपूर्ति में कमी।'
विदेश व्यापार महानिदेशक अनुप पुजारी ने कहा कि बासमती चावल, गैर-बासमती चावल और गेहूं का निर्यात नियंत्रण मुक्त है और किसी कृषि जिंस के निर्यात को नियंत्रित करने या प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। पुजारी ने कहा, 'लेकिन इन सबमें हमें क्षेत्रीय विभागों से सलाह मिलती है, इसलिए उन्हें भी ध्यान में रखा जाता है। लेकिन इस समय प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं।' इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था कि गेहूं, चावल और चीनी जैसे कृषि उत्पादों की अतिरिक्त मात्रा का निर्यात जारी रहेगा। कृषि मंत्री शरद पवार ने भी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया था। भारत ने सितंबर 2011 में गेहूं और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया था। (BS Hindi)
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