31 अगस्त 2012
सोने पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करे सरकार: कैग
बेईमान ज्वैलर्स से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सरकार से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की सलाह दी है। फिलहाल सोने की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक है। हॉलमार्किंग सोने के गहनों की शुद्धता प्रमाण है और इसकी प्रशासकीय इकाई भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) है।
बृहस्पतिवार को संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो को ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए। बीआईएस की स्वैच्छिक हॉलमार्किंग योजना के अंतर्गत सुनारों और ज्वैलर्स की सीमित पहुंच के चलते ग्राहकों को अशुद्ध सोने की गहनों की खरीदारी का जोखिम उठाना पड़ता है।
हॉलमार्किंग प्रमाणन को अनिवार्य बनाने के लिए बीआईएस अधिनियम में संशोधन नहीं किया गया। कैग ने कहा कि बीआईएस का यह जवाब स्वीकार्य योग्य नहीं है। बीआईएस का कहना है कि सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए उसके अधिकार में बढ़ोतरी की आवश्यकता है। इसके लिए कानून में संशोधन करना होगा, जो अधिकार उपभोक्ता मंत्रालय के पास है।
कैग ने कहा है कि बीआईएस के राष्ट्रीय मानक इकाई है और इसके पास ग्राहकों को उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का अधिकार है। मालूम हो कि, जनवरी में कैबिनेट ने बीआईएस संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसे अभी संसद में पेश किया जाना बाकी है। इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य हॉलमार्किंग को अनिवार्य किए जाने के साथ सोने सहित कई उत्पादों पर इसके अंतर्गत लाना है। (amar Ujala)
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