वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों के बीच पेश किए गए बजट में आयकर में छूट देने की घोषणा की है.
इस घोषणा के अनुसार 1.80 लाख रुपए की जगह अब दो लाख रुपए तक की आय पर कर नहीं लगेगा. वित्तमंत्री ने इसके अलावा विभिन्न आय पर लगने वाले कर की सीमा को पुनर्निधारित किया है.
हालांकि इसके साथ ही वित्तमंत्री ने सर्विस टैक्स में दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 10 से 12 प्रतिशत कर दिया है.
बजट में ग्रामीण इलाक़ों में चल रही परियोजनाओं और कृषि क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है और कृषि और सहकारी क्षेत्र में बजट प्रावधान में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की गई है.
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वित्तमंत्री ने महंगी कारों और महंगा करने और बीड़ी, सिगरेट और गुटका को महंगा करने की घोषणा की है और एलईडी-एलसीडी टीवी आदि को सस्ता करने की घोषणा की है.
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इसके अलावा सरकार ने काला धन पर श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की है.
आयकर में छूट
हालांकि संसदीय समिति ने आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर तीन लाख करने की सिफ़ारिश की थी लेकिन वित्तमंत्री ने उसे स्वीकार नहीं किया और बजट में छूट की सीमा बीस हज़ार बढ़ाते हुए इसे दो लाख करने की घोषणा की है.
आयकर में छूट
- 2 से पांच लाख पर- 10 प्रतिशत
- 5 से 10 लाख पर- 20 प्रतिशत
- 10 लाख से ऊपर- 30 प्रतिशत
इसके अलावा उन्होंने आय के विभिन्न स्तरों पर कर की सीमा को पुनर्निर्धारित किया है. अब दो लाख से पांच लाख रुपये तक 10 प्रतिशत की दर से आयकर देना होगा, जबकि पांच लाख से 10 लाख पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत कर चुकाना होगा.
वित्तमंत्री ने कहा है कि 10 लाख तक की आय वाले लोगों के लिए राजीव गांधी इक्विटी योजना शुरू की जाएगी. इस योजना के तहत शेयर बाजार में अधिकतम 50 हजार तक के निवेश पर 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी.
इस योजना का लॉकिंग पीरियड तीन वर्ष का होगा.
लेकिन इसके साथ ही सरकार ने सर्विस टैक्स में दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की है और अब यह 10 से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है.
वित्तमंत्री ने कहा घोषणा की है कि नाकारात्मक सूची में शामिल 17 सेवाओं को छो़ड़कर सभी पर सर्विस टैक्स लगा दिया जाएगा. हालांकि कुछ क्षेत्रों को सर्विस टैक्स से राहत देने की घोषणा की गई है.
उन्होंने कहा है कि सरकार एक्साइज़ टैक्स और सर्विस टैक्स को मिलाने की संभावना पर विचार करेगी.
कृषि पर विशेष ध्यान
सरकार ने कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में बजट प्रावधान में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की है.
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और पूर्वी भारत में हरित क्रांति की योजनाओं के लिए भी धनराशि बढ़ा दी गई है.
वित्तमंत्री ने कृषि ऋण के लिए आवंटित राशि को वर्ष 2012-13 में एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा कर छह लाख 75 हज़ार करोड़ रुपए करने की घोषणा की है.
प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि किसान क्रेडिट कार्ड की योजना में सुधार किया जाएगा और अब इस क्रेडिट कार्ड को स्मार्ट कार्ड में बदल दिया जाएगा, जिससे कि इसका उपयोग एटीएम पर भी हो सके.
उन्होंने उन्होंने ग्रामीण इलाक़ों में पीने के पानी और स्वच्छता के लिए बजट प्रावधान को 11 हज़ार करोड़ से बढ़ाकर 14 हज़ार करोड़ करने की घोषणा की है. इसी तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण स्वरोजगार योजना में भी बजट प्रावधान 20 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है.
सब्सिडी में कटौती
भारी भरकम सब्सिडी भारत सरकार के लिए चिंता का विषय रही है और बहुत से विशेषज्ञ मानते हैं कि वित्तीय घाटे की एक मुख्य वजह यही रही है.
इस चिंता से निपटने की कोशिश में वित्त मंत्री ने सब्सिडी घटाने पर ज़ोर दिया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि कुछ सब्सिडी ग़ैरज़रूरी हैं. उन्होंने सब्सिडी को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दो प्रतिशत करने की घोषणा की है.
मिट्टी का तेल यानी केरोसीन, घरेलू गैस यानी एलपीजी और पीडीएस के तहत मिलने वाले अनाज की सब्सिडी सीधे लोगों के बैंक अकाउंट में डालने का जो प्रयोग पिछले साल देश के विभिन्न हिस्सों में शुरु किया गया था, अब उसका विस्तार किया जाएगा.
शिक्षा और स्वास्थ्य
ये दो ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर बजट के दौरान ख़ास नज़रें होती हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में वित्तमंत्री ने छात्रों में मिलने वाले ऋण में सुविधा को बढ़ाने के लिए एक क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की बात कही है.
उन्होंने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में आबंटन बढ़ाने और ब्लॉक लेवल पर 6000 आदर्श स्कूलों की स्थापना की घोषणा की है.
इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में पंजीकृत स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के विस्तार की घोषणा की गई है.
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सात और मेडिकल कॉलेजों को शामिल करने की घोषणा की गई है.
बुनियादी ढांचागत और औद्योगिक विकास
बजट घोषणा के अनुसार 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान, बुनियादी ढांचे में 50 लाख करोड़ रुपए तक का निवेश होगा और इसमें से आधी राशि निजी क्षेत्रों से मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा है कि बुनियादी ढांचे में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का समर्थन करने की योजना के तहत अहर्ता प्राप्त क्षेत्रों के तौर पर और क्षेत्र जोड़े गए हैं और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के ज़रिए संयुक्त उपक्रम वाली कंपनियां बनाने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है.
प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वर्ष 2012-13 में बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को वित्त मुहैया कराने के लिए 60 हज़ार करोड़ रुपए के कर-मुक्त बांड मंजूर किए जाएंगे.
बुनियादी ढाचांगत क्षेत्रों की एक संतुलित मास्टर सूची बनाई गई है जिसे सरकार ने मंजूरी दी है. (BBC Hindi)
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